Comments - असली - नकली. . . . - Open Books Online2024-03-28T16:33:49Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1091164&xn_auth=noआदरणीय महेन्द्र जी सृजन के भा…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-17:5170231:Comment:10920412022-10-17T12:13:43.899ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
आदरणीय महेन्द्र जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार । सुझाव के लिए शुक्रिया सर ।
आदरणीय महेन्द्र जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार । सुझाव के लिए शुक्रिया सर । बढ़िया दोहे हैं आदरणीय सुशील स…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-13:5170231:Comment:10917162022-10-13T13:30:00.057ZMahendra Kumarhttp://www.openbooksonline.com/profile/Mahendra
<p>बढ़िया दोहे हैं आदरणीय सुशील सरना जी। ढेरों बधाई स्वीकार कीजिए।</p>
<p>नकली = नक़ली, जिन्दगी = ज़िन्दगी, कागज = काग़ज़।</p>
<p>सादर।</p>
<p>बढ़िया दोहे हैं आदरणीय सुशील सरना जी। ढेरों बधाई स्वीकार कीजिए।</p>
<p>नकली = नक़ली, जिन्दगी = ज़िन्दगी, कागज = काग़ज़।</p>
<p>सादर।</p> आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-05:5170231:Comment:10913662022-10-05T14:05:41.550ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर
आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छ…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-04:5170231:Comment:10914252022-10-04T10:58:53.085ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने , बधाई स्वीकार करें.</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने , बधाई स्वीकार करें.</p> आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-03:5170231:Comment:10911762022-10-03T15:35:22.819ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी आदरणीय सुशील कुमार सरना जी आद…tag:www.openbooksonline.com,2022-10-03:5170231:Comment:10913452022-10-03T12:28:25.665Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय सुशील कुमार सरना जी आदाब, वाह... क्या दर्शन है!</p>
<p>नकली फूलों के संदर्भ में शानदार और मनमोहक दोहे रचने के लिए बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>आदरणीय सुशील कुमार सरना जी आदाब, वाह... क्या दर्शन है!</p>
<p>नकली फूलों के संदर्भ में शानदार और मनमोहक दोहे रचने के लिए बधाई स्वीकार करें। </p>