Comments - ग़ज़ल - Open Books Online
2024-03-28T16:23:47Z
http://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1086341&xn_auth=no
वाह खूब गजल कही है वाह ...
tag:www.openbooksonline.com,2022-07-16:5170231:Comment:1086982
2022-07-16T11:47:00.354Z
gumnaam pithoragarhi
http://www.openbooksonline.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>वाह खूब गजल कही है वाह ...</p>
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<p>वाह खूब गजल कही है वाह ...</p>
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जी आदरणीय
tag:www.openbooksonline.com,2022-07-14:5170231:Comment:1086522
2022-07-14T03:53:06.793Z
Anita Maurya
http://www.openbooksonline.com/profile/AnitaMaurya
<p>जी आदरणीय</p>
<p>जी आदरणीय</p>
आदरणीया अनिता मौर्या जी आदाब,…
tag:www.openbooksonline.com,2022-07-13:5170231:Comment:1086519
2022-07-13T10:42:25.145Z
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
http://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीया अनिता मौर्या जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। इन मिसरों का पुनरावलोकन करें। </p>
<p>हीर राँझा को दरया मिलाने चले. यूँ लगा शेर सारे ठिकाने चले. </p>
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<p>यूँ लगा शेर सारे ठिकाने चले. </p>
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<p>आदरणीया अनिता मौर्या जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। इन मिसरों का पुनरावलोकन करें। </p>
<p>हीर राँझा को दरया मिलाने चले. यूँ लगा शेर सारे ठिकाने चले. </p>
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<p>यूँ लगा शेर सारे ठिकाने चले. </p>
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