Comments - ग़ज़ल (... तमाशा बना दिया) - Open Books Online2024-03-28T17:23:31Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1085544&xn_auth=noआदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आ…tag:www.openbooksonline.com,2022-07-01:5170231:Comment:10862422022-07-01T11:57:18.804Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p> शानदार गजल हुई है बधाई .. tag:www.openbooksonline.com,2022-07-01:5170231:Comment:10862382022-07-01T08:15:46.767Zgumnaam pithoragarhihttp://www.openbooksonline.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>शानदार गजल हुई है बधाई .. </p>
<p>शानदार गजल हुई है बधाई .. </p> मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-26:5170231:Comment:10857992022-06-26T12:39:29.109Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। </p>
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। </p> आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, ग़…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-26:5170231:Comment:10857982022-06-26T12:38:08.315Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p> आदरणीय अमीरुद्दीन "अमीर" जी …tag:www.openbooksonline.com,2022-06-21:5170231:Comment:10858342022-06-21T14:54:42.328ZRachna Bhatiahttp://www.openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन "अमीर" जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन "अमीर" जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। </p> वाह आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब,…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-20:5170231:Comment:10856902022-06-20T16:05:43.482ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
वाह आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है सर । दिल से मुबारक कबूल करें सर ।
वाह आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है सर । दिल से मुबारक कबूल करें सर । मुहतरम समर कबीर साहिब आदाब ग़…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-20:5170231:Comment:10857352022-06-20T06:26:58.653Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>मुहतरम समर कबीर साहिब आदाब ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया, जी मुहतरम अरकान पर ध्यानाकर्षण के लिए आपका शुक्रगुज़ार हूँ, दुरुस्त किये देता हूँ। </p>
<p>मुहतरम समर कबीर साहिब आदाब ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया, जी मुहतरम अरकान पर ध्यानाकर्षण के लिए आपका शुक्रगुज़ार हूँ, दुरुस्त किये देता हूँ। </p> जनाब अमीरुद्दीन 'अमीर' जी आदा…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-18:5170231:Comment:10856702022-06-18T12:56:47.637ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अमीरुद्दीन 'अमीर' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>ग़ज़ल के अरकान आपने ग़लत लिखे हैं,उन्हें दुरुस्त कर लें ।</p>
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<p>जनाब अमीरुद्दीन 'अमीर' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>ग़ज़ल के अरकान आपने ग़लत लिखे हैं,उन्हें दुरुस्त कर लें ।</p>
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<p></p> आदरणीय नाथ सोनांचली जी आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-14:5170231:Comment:10853972022-06-14T02:37:28.393Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय नाथ सोनांचली जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय नाथ सोनांचली जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p> आद0 अमीरुद्दीन साहब सादर अभिव…tag:www.openbooksonline.com,2022-06-13:5170231:Comment:10853932022-06-13T21:49:54.499Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 अमीरुद्दीन साहब सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने। मकता तो जान मारू,, वाह आह वाह</p>
<p>शाखाओं पर पेग .... क्या कहने वाह वाह</p>
<p>अनेकानेक बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 अमीरुद्दीन साहब सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने। मकता तो जान मारू,, वाह आह वाह</p>
<p>शाखाओं पर पेग .... क्या कहने वाह वाह</p>
<p>अनेकानेक बधाई स्वीकार कीजिये</p>