Comments - जिसकी आदत है घाव देने की - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' - Open Books Online2024-03-29T06:17:30Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1074335&xn_auth=noआ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:www.openbooksonline.com,2021-12-05:5170231:Comment:10745552021-12-05T17:27:32.719Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p> आ. भाई चेतन जी, गजल पर उपस्थि…tag:www.openbooksonline.com,2021-12-05:5170231:Comment:10747582021-12-05T17:26:29.520Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन व सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद । बदलाव का प्रयास करता हूँ। </p>
<p>आ. भाई चेतन जी, गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन व सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद । बदलाव का प्रयास करता हूँ। </p> हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर…tag:www.openbooksonline.com,2021-12-05:5170231:Comment:10747262021-12-05T06:46:31.565ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी।बहुत सुन्दर ग़ज़ल।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी।बहुत सुन्दर ग़ज़ल।</p> आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफ…tag:www.openbooksonline.com,2021-11-30:5170231:Comment:10741662021-11-30T14:21:09.323ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर बहुत खूबसूरत लेकिन छोटी ग़ज़ल कही आपने ! बधाई स्वीकार करें ! चौथे शे'र में, भाई जी, मुझे रब्त की क़ी जान पड़ी ! देखिएगा !</p>
<p>आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह मुसाफिर बहुत खूबसूरत लेकिन छोटी ग़ज़ल कही आपने ! बधाई स्वीकार करें ! चौथे शे'र में, भाई जी, मुझे रब्त की क़ी जान पड़ी ! देखिएगा !</p>