Comments - कहते पुजारी मुझ से हैं तू देवता बदल- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' - Open Books Online2024-03-28T21:47:27Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1063668&xn_auth=noआ. भाई समर जी, सादर अभिवादन ।…tag:www.openbooksonline.com,2021-07-17:5170231:Comment:10639382021-07-17T00:34:49.600Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p> आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभ…tag:www.openbooksonline.com,2021-07-17:5170231:Comment:10639362021-07-17T00:33:42.985Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:www.openbooksonline.com,2021-07-10:5170231:Comment:10635912021-07-10T09:41:02.101ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल की अच्छी कोशिश है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल की अच्छी कोशिश है,बधाई स्वीकार करें ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़ि…tag:www.openbooksonline.com,2021-07-10:5170231:Comment:10635872021-07-10T06:33:34.590Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>'किस्मत को जीतने के लिए हौसला बदल।२।' इस मिसरे में 'हौसला बदल' शब्द विन्यास खटक रहा है। देखियेगा, सादर। </p>
<p></p>
<p></p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>'किस्मत को जीतने के लिए हौसला बदल।२।' इस मिसरे में 'हौसला बदल' शब्द विन्यास खटक रहा है। देखियेगा, सादर। </p>
<p></p>
<p></p>