Comments - ग़ज़ल: "सनम हमको मिला" - Open Books Online2024-03-29T00:10:25Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1056158&xn_auth=noप्रणाम गुरु जी
आज आपने समझाया…tag:www.openbooksonline.com,2021-03-07:5170231:Comment:10562012021-03-07T16:50:36.875ZAazi Tamaamhttp://www.openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>प्रणाम गुरु जी</p>
<p>आज आपने समझाया बहुत अच्छा लगा</p>
<p>सहृदय धन्यवाद</p>
<p>जाने अंजाने हुए मेरे द्वारा अनुचित व्यवहार के लिये मैं बेहद क्षमा प्रार्थी हूँ</p>
<p></p>
<p>जी गुरु जी ये बह्र प्रचलित नहीं है</p>
<p></p>
<p>प्रणाम गुरु जी</p>
<p>आज आपने समझाया बहुत अच्छा लगा</p>
<p>सहृदय धन्यवाद</p>
<p>जाने अंजाने हुए मेरे द्वारा अनुचित व्यवहार के लिये मैं बेहद क्षमा प्रार्थी हूँ</p>
<p></p>
<p>जी गुरु जी ये बह्र प्रचलित नहीं है</p>
<p></p> जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ये बह्…tag:www.openbooksonline.com,2021-03-07:5170231:Comment:10561862021-03-07T09:37:35.367ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ये बह्र जिस पर आपने ग़ज़ल कही है,प्रचलित बह्र नहीं है ।</p>
<p>जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ये बह्र जिस पर आपने ग़ज़ल कही है,प्रचलित बह्र नहीं है ।</p>