Comments - लघुकथा- "एक और गैंगरेप" - Open Books Online2024-03-29T15:50:18Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1032162&xn_auth=no Samar kabeer जी, यदि विस्तार…tag:www.openbooksonline.com,2020-11-27:5170231:Comment:10376162020-11-27T06:53:41.927ZDr Vandana Misrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVandanaMisra
<p> Samar kabeer जी, यदि विस्तार से कुछ मार्गदर्शन कर सकें, तो आभारी रहूँगी, अपने कथ्य पर मुझे कोई संदेह नहीं किंतु इस विधा के शिल्प में मैं अभी नयी हूँ।</p>
<ol>
<li>मनोविज्ञान में गहन अभिरुचि के चलते मनोवैज्ञानिक समाधान साहित्य के माध्यम से जन जन में पहुंचाना चाहती हूँ।</li>
</ol>
<p>सादर!</p>
<p> Samar kabeer जी, यदि विस्तार से कुछ मार्गदर्शन कर सकें, तो आभारी रहूँगी, अपने कथ्य पर मुझे कोई संदेह नहीं किंतु इस विधा के शिल्प में मैं अभी नयी हूँ।</p>
<ol>
<li>मनोविज्ञान में गहन अभिरुचि के चलते मनोवैज्ञानिक समाधान साहित्य के माध्यम से जन जन में पहुंचाना चाहती हूँ।</li>
</ol>
<p>सादर!</p> विषय बहुत ही संवेदन शील एवं स…tag:www.openbooksonline.com,2020-11-01:5170231:Comment:10363972020-11-01T15:03:30.193Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>विषय बहुत ही संवेदन शील एवं सटीक है आदरणीया लेकिन आदरणीय समर जी से मैं भी सहमत हूँ।</p>
<p>विषय बहुत ही संवेदन शील एवं सटीक है आदरणीया लेकिन आदरणीय समर जी से मैं भी सहमत हूँ।</p> मुहतरमा डॉ. वंदना मिश्रा जी आ…tag:www.openbooksonline.com,2020-10-20:5170231:Comment:10346052020-10-20T14:45:22.417ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा डॉ. वंदना मिश्रा जी आदाब, आज के हालात पर लघुकथा का प्रयास अच्छा है,लेकिन कसावट की कमी है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मुहतरमा डॉ. वंदना मिश्रा जी आदाब, आज के हालात पर लघुकथा का प्रयास अच्छा है,लेकिन कसावट की कमी है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>