Comments - ग़ज़ल नूर की -वो कहता है मेरे दिल का कोना कोना देख लिया - Open Books Online2024-03-28T14:21:57Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1017630&xn_auth=noशुक्रिया आ. समर सर, शुक्रिया…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-28:5170231:Comment:10205782020-09-28T11:25:15.705ZNilesh Shevgaonkarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>शुक्रिया आ. समर सर, शुक्रिया आ. मनोज भाई </p>
<p>शुक्रिया आ. समर सर, शुक्रिया आ. मनोज भाई </p> बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणी…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-28:5170231:Comment:10204702020-09-28T10:35:18.545Zमनोज अहसासhttp://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय नूर साहब </p>
<p>आपके और आदरणीय समर साहब के विचार विमर्श को पढ़ रहा था मेरा निवेदन है कि "यादों का कमरा" वाला ख़्याल ज्यादा मजबूत है उसे ही सही करके रखा जाए</p>
<p></p>
<p>बाकी ग़ज़ल बेहतरीन है ही</p>
<p></p>
<p>सादर</p>
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय नूर साहब </p>
<p>आपके और आदरणीय समर साहब के विचार विमर्श को पढ़ रहा था मेरा निवेदन है कि "यादों का कमरा" वाला ख़्याल ज्यादा मजबूत है उसे ही सही करके रखा जाए</p>
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<p>बाकी ग़ज़ल बेहतरीन है ही</p>
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<p>सादर</p> 'यानी समुन्दर के धोखे में कोई…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-28:5170231:Comment:10205462020-09-28T10:22:47.354ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p><strong>'यानी समुन्दर के धोखे में कोई क़तरा देख लिया'</strong></p>
<p><strong><span>मेरे ख़याल में 'कोई' की जगह "उसने" शब्द उचित होगा । </span></strong></p>
<p><strong>'यानी समुन्दर के धोखे में कोई क़तरा देख लिया'</strong></p>
<p><strong><span>मेरे ख़याल में 'कोई' की जगह "उसने" शब्द उचित होगा । </span></strong></p> आ. समर सर एवं मंच के सुधि पाठ…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-28:5170231:Comment:10205382020-09-28T09:52:41.411ZNilesh Shevgaonkarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>आ. समर सर एवं मंच के सुधि पाठक गण!<br/>.<br/>मतले में बहुत विचार के बाद तरमीम की है ..<br/>अब मतला यूँ पढ़ा जाए..<br/>.<br/><strong>वो कहता है मेरे दिल का कोना कोना देख लिया <br/> यानी समुन्दर के धोखे में कोई क़तरा देख लिया. <br/></strong>.<br/>साथ ही सुझाव भी दें कि अब यह कैसा लग रहा है.<br/>सादर </p>
<p>आ. समर सर एवं मंच के सुधि पाठक गण!<br/>.<br/>मतले में बहुत विचार के बाद तरमीम की है ..<br/>अब मतला यूँ पढ़ा जाए..<br/>.<br/><strong>वो कहता है मेरे दिल का कोना कोना देख लिया <br/> यानी समुन्दर के धोखे में कोई क़तरा देख लिया. <br/></strong>.<br/>साथ ही सुझाव भी दें कि अब यह कैसा लग रहा है.<br/>सादर </p> आदरणीय बहुत सुंदर प्रस्तुति ह…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-20:5170231:Comment:10179702020-09-20T16:00:15.398ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
आदरणीय बहुत सुंदर प्रस्तुति हार्दिक बधाई
आदरणीय बहुत सुंदर प्रस्तुति हार्दिक बधाई आ. समर सर ,पुन: विचार करता हू…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-16:5170231:Comment:10177562020-09-16T09:12:17.873ZNilesh Shevgaonkarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>आ. समर सर ,<br/>पुन: विचार करता हूँ.. <br/>सादर </p>
<p>आ. समर सर ,<br/>पुन: विचार करता हूँ.. <br/>सादर </p> शुक्रिया आ. लक्ष्मण जी tag:www.openbooksonline.com,2020-09-16:5170231:Comment:10176772020-09-16T09:11:55.830ZNilesh Shevgaonkarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>शुक्रिया आ. लक्ष्मण जी </p>
<p>शुक्रिया आ. लक्ष्मण जी </p> शुक्रिया आ. सालिक गणवीर साहब tag:www.openbooksonline.com,2020-09-16:5170231:Comment:10176762020-09-16T09:11:40.175ZNilesh Shevgaonkarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>शुक्रिया आ. सालिक गणवीर साहब </p>
<p>शुक्रिया आ. सालिक गणवीर साहब </p> उचित लगे तो मतले का सानी यूँ…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-15:5170231:Comment:10176652020-09-15T15:15:53.567ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>उचित लगे तो मतले का सानी यूँ कर सकते हैं:-</p>
<p>'तो क्या उसने तेरी यादों का भी कमरा देख लिया'</p>
<p>उचित लगे तो मतले का सानी यूँ कर सकते हैं:-</p>
<p>'तो क्या उसने तेरी यादों का भी कमरा देख लिया'</p> आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन…tag:www.openbooksonline.com,2020-09-15:5170231:Comment:10177392020-09-15T15:02:34.667Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन । इस बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें ।</p>
<p>आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन । इस बेहतरीन गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें ।</p>