Comments - ईद कैसी आई है! - Open Books Online2024-03-29T08:09:52Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1008278&xn_auth=noरूपम जी हैफ़ का मतलब अफ़सोस,…tag:www.openbooksonline.com,2020-06-01:5170231:Comment:10091392020-06-01T03:00:08.604Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>रूपम जी हैफ़ का मतलब अफ़सोस, दुख, ज़ुल्म है। </p>
<p>रूपम जी हैफ़ का मतलब अफ़सोस, दुख, ज़ुल्म है। </p> जनाब अमीरुद्दीन ख़ान 'अमीर' जी…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-26:5170231:Comment:10084642020-05-26T08:52:19.008ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अमीरुद्दीन ख़ान 'अमीर' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,लेकिन इसके क़वाफ़ी ग़लत हैं ।</p>
<p>2122 2122 2122 212 पर कही गई इस ग़ज़ल का ये मिसरा:-</p>
<p><span>'जब नमाज़े - ईद ही, न हो, भला फिर ईद क्या'</span></p>
<p><span>बह्र से ख़ारिज हो रहा है,देखियेगा ।</span></p>
<p><span>बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</span></p>
<p>जनाब अमीरुद्दीन ख़ान 'अमीर' जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,लेकिन इसके क़वाफ़ी ग़लत हैं ।</p>
<p>2122 2122 2122 212 पर कही गई इस ग़ज़ल का ये मिसरा:-</p>
<p><span>'जब नमाज़े - ईद ही, न हो, भला फिर ईद क्या'</span></p>
<p><span>बह्र से ख़ारिज हो रहा है,देखियेगा ।</span></p>
<p><span>बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</span></p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ज…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10086092020-05-25T13:51:58.839Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब ।रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिये हृदय तल से आभार। सादर। </p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब ।रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिये हृदय तल से आभार। सादर। </p> जनाब राम अवध विश्वकर्मा जी, आ…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10086082020-05-25T13:48:26.854Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब राम अवध विश्वकर्मा जी, आदाब। रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिये हृदय तल से आभार। सादर। </p>
<p>जनाब राम अवध विश्वकर्मा जी, आदाब। रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिये हृदय तल से आभार। सादर। </p> आदरणीय भाई अमीरद्दीन जी ईद पर…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10085102020-05-25T13:09:11.842ZRam Awadh VIshwakarmahttp://www.openbooksonline.com/profile/RamAwadhVIshwakarma
<p>आदरणीय भाई अमीरद्दीन जी ईद पर बहुत खूबसूरत रचना हुई है। बहुत मुबारकबाद</p>
<p>आदरणीय भाई अमीरद्दीन जी ईद पर बहुत खूबसूरत रचना हुई है। बहुत मुबारकबाद</p> आ. भाई अमीरद्दीन जी, उम्दा गज…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10083032020-05-25T10:32:27.593Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरद्दीन जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई अमीरद्दीन जी, उम्दा गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10084382020-05-25T08:51:24.116Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी 'तुरंत' जी, अहक़र की ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे-दिल से शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी 'तुरंत' जी, अहक़र की ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे-दिल से शुक्रिया ।</p> आदरणीय अमीरुद्दीन खा़न "अमीर…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10082972020-05-25T07:05:51.075Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://www.openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz" class="fn url">अमीरुद्दीन खा़न "अमीर "</a><span> साहेब , आदाब | रचना में ईद के अवसर पर मन की व्यथा शिद्दत से व्यक्त हुई है , बधाई | </span></p>
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz" class="fn url">अमीरुद्दीन खा़न "अमीर "</a><span> साहेब , आदाब | रचना में ईद के अवसर पर मन की व्यथा शिद्दत से व्यक्त हुई है , बधाई | </span></p> आदरणीय भाई योगराज प्रभाकर जी,…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-25:5170231:Comment:10083662020-05-25T05:05:21.614Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय भाई योगराज प्रभाकर जी, आदाब। ख़ाक़सार की ग़ज़ल "ईद कैसी आई है" को फीचर ब्लॉग में जगह मरहमत फ़रमाने के लिए आपका तहे-दिल से शुक्रिया। सादर। </p>
<p>आदरणीय भाई योगराज प्रभाकर जी, आदाब। ख़ाक़सार की ग़ज़ल "ईद कैसी आई है" को फीचर ब्लॉग में जगह मरहमत फ़रमाने के लिए आपका तहे-दिल से शुक्रिया। सादर। </p>