Comments - ग़ज़ल- मृत्यु के अनुरक्ति का अभिसार है क्या - Open Books Online2024-03-29T05:19:12Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1006319&xn_auth=noआ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-14:5170231:Comment:10074172020-05-14T07:00:35.097Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । बेहतरीन गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ नवीन…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-14:5170231:Comment:10069012020-05-14T04:09:51.072ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span> डॉ नवीन मणि त्रिपाठी </span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p dir="ltr">विष को नदियों में निरन्तर घोलते तुम।<br/>सृष्टि के प्रति यह कोई मनुहार है क्या ।।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span> डॉ नवीन मणि त्रिपाठी </span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p dir="ltr">विष को नदियों में निरन्तर घोलते तुम।<br/>सृष्टि के प्रति यह कोई मनुहार है क्या ।।</p> आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभ…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-13:5170231:Comment:10073072020-05-13T14:38:52.050ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभार ।
आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ आभार । जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:www.openbooksonline.com,2020-05-13:5170231:Comment:10072112020-05-13T09:56:35.976ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>