Comments - भय- लघुकथा - Open Books Online2024-03-29T14:40:07Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1004782&xn_auth=noइस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी क…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-22:5170231:Comment:10050242020-04-22T06:55:12.836Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर</a>जी</p>
<p>इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami" class="fn url">लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर</a>जी</p> इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी क…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-22:5170231:Comment:10050222020-04-22T06:54:45.936Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी</p>
<p>इस हौसला बढ़ाने वाली टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी</p> आ. भाई विनय जी, समयसायिक परिप…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-22:5170231:Comment:10048412020-04-22T01:37:29.296Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विनय जी, समयसायिक परिप्रेक्ष में बेहतरीन कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई विनय जी, समयसायिक परिप्रेक्ष में बेहतरीन कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय विनय जी।…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-21:5170231:Comment:10049412020-04-21T12:12:26.757ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय विनय जी। सम सामयिक समस्या को दर्शाती एक बेहतरीन लघुकथा। एक कड़वी सच्चाई सम्मुख है कि एक अदृश्य भय के साये में जी रहा है आज का मजदूर,एक दैनिक भोगी, एक अनियमित कामगार और भी अनेक उसी प्रकार के लोग। पता नहीं कब बोल दिया जाय कि कल से मत आना।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय विनय जी। सम सामयिक समस्या को दर्शाती एक बेहतरीन लघुकथा। एक कड़वी सच्चाई सम्मुख है कि एक अदृश्य भय के साये में जी रहा है आज का मजदूर,एक दैनिक भोगी, एक अनियमित कामगार और भी अनेक उसी प्रकार के लोग। पता नहीं कब बोल दिया जाय कि कल से मत आना।</p>