Comments - जो कारवाँ भरी थी राहें कहाँ गयीं अब (गजल) -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' - Open Books Online2024-03-28T19:25:00Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1004744&xn_auth=noआ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-23:5170231:Comment:10050372020-04-23T10:06:33.130Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । गजल पर आपकी उपस्थिति से उत्साहवर्धन हुआ । उपस्थिति के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । गजल पर आपकी उपस्थिति से उत्साहवर्धन हुआ । उपस्थिति के लिए आभार ।</p> आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी स…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-23:5170231:Comment:10048712020-04-23T08:33:07.895Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये</p> आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-19:5170231:Comment:10047492020-04-19T05:58:46.940Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:www.openbooksonline.com,2020-04-19:5170231:Comment:10045012020-04-19T04:14:39.728ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>देखो जहाँ भी दिखती तन्हाइयाँ उधर ही</span><br/><span>जो कारवाँ भरी थी राहें कहाँ गयीं अब।।</span><br/><br/></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'</span>जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>देखो जहाँ भी दिखती तन्हाइयाँ उधर ही</span><br/><span>जो कारवाँ भरी थी राहें कहाँ गयीं अब।।</span><br/><br/></p>