Comments - अहसास की ग़ज़ल-मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-28T15:50:02Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1000061&xn_auth=noजनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल क…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-30:5170231:Comment:10002742020-01-30T11:59:31.794ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'गफलत में जिन रास्तों पर चल लोगों ने मंज़िल पाई'</span></p>
<p></p>
<p><span>'तेरे पास नहीं है मेरे एक सवाल का एक जवाब, <br/>मैंने बात बात में तुझको बात बदलते देखा है'</span></p>
<p></p>
<p><span>'जुल्मी अंग्रेजों की राह पर उन्ही को चलते देखा है'</span></p>
<p></p>
<p><span>'काफिर किसको कहते हैं इसका तो नहीं अंदाजा मुझे'</span></p>
<p><span>इंगित मिसरे लय में नहीं हैं ।</span></p>
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<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'गफलत में जिन रास्तों पर चल लोगों ने मंज़िल पाई'</span></p>
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<p><span>'तेरे पास नहीं है मेरे एक सवाल का एक जवाब, <br/>मैंने बात बात में तुझको बात बदलते देखा है'</span></p>
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<p><span>'जुल्मी अंग्रेजों की राह पर उन्ही को चलते देखा है'</span></p>
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<p><span>'काफिर किसको कहते हैं इसका तो नहीं अंदाजा मुझे'</span></p>
<p><span>इंगित मिसरे लय में नहीं हैं ।</span></p>
<p></p> आ. भाई मनोज जी, गजल का प्रयास…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-29:5170231:Comment:10001772020-01-29T00:56:18.005Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई मनोज जी, गजल का प्रयास अच्छा हुआ है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई मनोज जी, गजल का प्रयास अच्छा हुआ है । हार्दिक बधाई ।</p>