For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (बह्र -फेलुन) यह ग़ज़ल दुनिया की सबसे छोटी ग़ज़ल है। इसे "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स" में शामिल किया गया है ।

*जीवन
उलझन ।

* सूने
आँगन ।

* घर-घर
अनबन ।

* उजड़े
गुलशन ।

* खोया
बचपन ।

*भटका
यौवन ।

* झूठे
अनशन ।

* ख़ाली
बरतन ।

* सहमी
धड़कन ।

.
मौलिक और अप्रकाशित ।

Views: 2122

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on September 25, 2017 at 1:59pm

आरिफ़

प्रणमन

Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 1:05pm
आपकी इस प्रतिक्रिया से मेरा लेखन सार्थक हो गया आदरणीया राजेश कुमारी जी । यह सब आपकी दुआओं का नतीजा है ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2017 at 12:22pm

बहुत सुंदर सार्थक गागर में सागर भरती हुई लघु ग़ज़ल. आपकी इस उपलब्धि पर हम नाज़ करते हैं बहुत बहुत मुबारकबाद आदरणीय 

Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 12:11pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय वीरेंंद्र जी । यह सब आपकी दुआओं का परिणाम है ।
Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 11:40am
बहुत -बहुत आभार आदरणीय विनय कुमार जी । यह सब आपकी दुआओं का सुखद परिणाम है ।
Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 11:38am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय संतोष खिरवड़कर जी । यह सब आपकी दुआओं से संभव हुआ है ।
Comment by VIRENDER VEER MEHTA on September 25, 2017 at 10:19am

बहुत सुन्दर आदरणीय आरिफ़ साहब, कम से कम शब्दों में सुंदर भाव लिए आपकी ये ग़ज़ल वाकई उम्दा बनी है.

सृजन को "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड " से सम्मानित किया गया है! ये जानकार बहुत ख़ुशी हुयी. हार्दिक बधाई आदरणीय आरिफ भाई

Comment by विनय कुमार on September 25, 2017 at 10:06am

वाह। लाजवाब, बहुत बहुत बधाई इस पुरस्कार के लिए आ मोहम्मद आरिफ़ साहब 

Comment by santosh khirwadkar on September 25, 2017 at 8:35am
वाह्ह्ह्ह्ह आदरणीय आरिफ़ साहब ,अद्भुत सृजन! बस सुना ही था कि दिल की बातों को कम से कम शब्दों में ज़्यादा से ज़्यादा कहने के सुंदर भाव को ग़ज़ल कहते हैं ! आज इस मंच पर वास्तविक रूप में देख लिया! आदरनीय श्री समर साहब के माध्यम से ज्ञात हुआ कि इस सृजन को "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड " से सम्मानित किया गया है ! इस निमित्य आपको हृदय से गर्वपूर्ण बधाई/अभिनंदन!!!!!!.
Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 7:58am
आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
6 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
13 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
15 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
16 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
36 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
37 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service