For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डूबते को जैसे तिनके का, सहारा काफी होता है

हर निराश चेहरे का, उम्मीद हीं साथी होता है

अंधेरी गुफा में जब कोई राही, अपनी राह बनाता है

आँखों से कुछ दिख ना पाए, उम्मीद पर बढ़ता जाता है 

जब कोई अपना संगी-साथी, अपनों से बिछड़ जाए

और दूर तक उसके पग के, निशां ना हमको मिल पाए

तब भी ये उम्मीद हीं है, जो हमको बांधे रखती है

मिल जाएगा हमदम अपना, हरदम कहती रहती है

 

जब सफलता द्वार खड़ी हो, पर हमको ना मिल पाए

और विफलता आगे बढ़कर, हमको गले लगा जाए

तब भी है उम्मीद ये कहती, थकने की कोई बात नहीं

छोटी सी है कट जाएगी, ये युगों सी लंबी रात नहीं

 

जब कोई अपने दिल को तोड़े, या पीछे से घात करे

जिसको तुमने माना सब कुछ, वो ही तुम पर आघात करे

उस पल भी उम्मीद समझाती, सब समय का चक्कर है

आएंगे सब लौट कर एक दिन, तुझको ना लेना टक्कर है

 

जब कोई अपना सब कुछ खो दे, और सड़क पर आ जाए

अपने हक़ को पाने की फिर, कोई राह ना दिख पाए

तब भी बस उम्मीद है रहती, थामे अपना हाथ सदा

कहती है सब बदल जाएगा, ना होंगे ऐसे हालात सदा

"मौलिक व अप्रकाशित"

अमन सिन्हा 

Views: 99

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tapan Dubey on December 23, 2022 at 6:10pm

बहुत खूब अमन जी , बड़ी अच्छी रचना हुई है , बहुत बहुत बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"अपना-अपना देखो (लघुकथा) : "हैलो! कैसे हो? सुना है तुम्हारी पत्नी को लकवा मार…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"मेरी पाठकीय टिप्पणी को यूँ मान देने हेतु शुक्रिया। यह विधा ही ऐसी है कि विधा पर आलेखों के…"
8 hours ago
DR ARUN KUMAR SHASTRI replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"प्रिय शेख साहिब - आदाब - आपका आभारी हूँ , आपकी समीक्षा आपके विवेक व ज्ञान अनुसार, न्यायोचित - मैं…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदाब। आदरणीया रचना भाटिया जी नारी शोषण के अवसर के विरुद्ध चुनौती और आत्मविश्वास विषयक कथानक व कथ्य…"
10 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, इशारों इशारों में अपना बहुत खूब संदेश दिया है। बधाई स्वीकार करें। मैं…"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय सौरभ जी।आपकी प्रेरक टिप्पणी मेरी रचना-यात्रा में संबल है।"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदरणीय अरुण जी,लघुकथा को मान बख्शने हेतु आपका हार्दिक आभार।"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आपका दिली आभार आदरणीय उस्मानी जी। कथोपकथन स्पष्टता इंगित करने में समर्थ हैं।"
11 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आपका दिली आभार आदरणीय उस्मानी जी।"
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"कृपया वह तात्पर्य और गहरी बात हम पाठकों के साथ विस्तृत टिप्पणी में भी साझा कीजिएगा।"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"आदाब। शायद मैं पहली बार आपकी प्रविष्टि पढ़ रहा हूँ। बढ़िया प्रेरक रचना। हार्दिक बधाई आदरणीयडॉ. अरुण…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"कथानक की बनावट और कसावट मुग्ध कर रही है।  निस्संदेह, आदरणीय मनन जी ने इस अवसर का रचनात्मक…"
17 hours ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service