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आशीष यादव's Blog – September 2010 Archive (3)

इक नयी ज़िन्दगी

कुछ समय में यहाँ से चले जायेंगे,

इक नयी ज़िन्दगी को फिर अपनाएंगे|

याद आएगा कुछ, कुछ भूलेगा नहीं,

बाँध यादों की गठरी को ले जायेंगे|



क्या पता होगा अपना ठिकाना कहाँ,

क्या करें तय की हमको है जाना कहाँ|

मंजिल सामने होके आवाज देगी,

वक़्त के रास्ते हमको आजमाएंगे|

कुछ समय में .......................



तब तमाम ऑफिस के छोड़ कर मामले,

जी होगा साथ दोस्तों के कॉलेज चलें|

तब न होंगे ये दिन, ये समय, ये घडी,

गर होंगे तो ये दिन ही नज़र… Continue

Added by आशीष यादव on September 26, 2010 at 11:00pm — 11 Comments

माँ

एक अक्षर का एक शब्द ये, कैसे करे हम इसका गान;

सूरज चाँद सितारों से भी बढ़कर रहता जिसका मान|

वन उपवन ये झरनें नदियाँ दे न पते इतना सुख;

एक पल में ही दे देती है माँ वो सुख जितना महान||



माँ न हो तो किसी चीज की कोई भी कल्पना कैसी;

इसके बिना तो जग झूठा है, झूठी है हम सबकी शान|

एक अक्षर का एक शब्द.....................................



सुख हो या दुःख सबमे रखती है अपने बच्चों को खुश;

सब कुछ सहती पर रखती है नित्य प्रति बच्चों का ध्यान |

एक अक्षर का… Continue

Added by आशीष यादव on September 18, 2010 at 12:04am — 5 Comments

तेरा ख़याल

हसीं इतना है तेरा ख्याल, पल भर के लिए दिल से निकलता नहीं|

पहले जैसे भी हम जी लिए पर, जीवन अब तेरे बिन देखो चलता नहीं||



वो गज़ब का समय था हमारे लिए, तेरी पहली नज़र का, पहले प्यार का|

सारी बाते बिछड़ जायेंगी एक दिन , कैसे भूलूंगा दिन तेरे इकरार का||

तेरे पहलू में रहने की जिद पे अड़ा, लाख बहलाऊं ये दिल बहलाता नहीं|

हसीं इतना है तेरा ख़याल...............................................



तेरे गेसुओं की घनी छाँव में, मेरा डेरा बने, एक बसेरा बने|

मेरी हर…

Continue

Added by आशीष यादव on September 4, 2010 at 10:30am — 8 Comments

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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