For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विनय कुमार's Blog – July 2018 Archive (4)

जरुरी है--ग़ज़ल

सीखना सिखाना जरुरी है
दिल को मिलाना जरुरी है


मिलने का वक़्त हो न हो
यादों  में  आना  जरुरी है


जो  गलतियां  करे कोई
आईना दिखाना जरुरी है


जुबाँ  भले  न  कह  पाए
एहसास जताना जरुरी है


भूलना इंसानी फितरत है
याद तो दिलाना जरुरी है !!

मौलिक एवम अप्रकाशित

Added by विनय कुमार on July 24, 2018 at 3:00pm — 12 Comments

सीख लिया है- एक ग़ज़ल

बचके चलना सीख लिया है
हमने संभलना सीख लिया है


वक़्त सदा होता ना अच्छा
हमने बदलना सीख लिया है


देख समंदर की लहरों को
हमने मचलना सीख लिया है


दर्द अगर हद से बढ़ जाए
हमने पिघलना सीख लिया है


भाग रही अपनी दुनिया में
हमने ठहरना सीख लिया है


आसमाँ की ख़्वाहिश सबकी
हमने उतरना सीख लिया है !!

Added by विनय कुमार on July 21, 2018 at 4:07pm — 10 Comments

सीख लिया है- एक ग़ज़ल

बचके चलना सीख लिया है
हमने संभलना सीख लिया है


वक़्त सदा होता ना अच्छा
हमने बदलना सीख लिया है


देख समंदर की लहरों को
हमने मचलना सीख लिया है


दर्द अगर हद से बढ़ जाए
हमने पिघलना सीख लिया है


भाग रही अपनी दुनिया में
हमने ठहरना सीख लिया है


आसमान की ख़्वाहिश सबकी
हमने उतरना सीख लिया है !!

मौलिक एवम अप्रकाशित

Added by विनय कुमार on July 21, 2018 at 4:00pm — 4 Comments

हिचक--लघुकथा

हिचक--

"कभी बेटे को भी गले से लगा लिया कीजिये, वह भी आपके सीने से लगकर कुछ देर रहना चाहता है", रिमी ने गहरी सांस लेते हुए कहा. रमन को सुनकर तो अच्छा लगा लेकिन वह उसे दर्शाना नहीं चाहता था.

"ठीक है, इससे क्या फ़र्क़ पड़ जायेगा. वैसे भी तुम तो जानती हो कि मैं इन सब दिखावों में नहीं पड़ता", रमन ने अपनी तरफ से पूरी लापरवाही दिखाते हुए कहा. अंदर ही अंदर वह जानता था कि इसकी कितनी जरुरत है आजकल के माहौल में, लेकिन एक हिचक थी जो उसे रोकती थी.

"फ़र्क़ पड़ता है, आखिर उसके अधिकतर दोस्त तो अपने…

Continue

Added by विनय कुमार on July 17, 2018 at 6:58pm — 12 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service