For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sharadindu mukerji's Blog – April 2014 Archive (5)

अमौसी हवाई अड्डे के बाहर

अमौसी हवाई अड्डे के बाहर

 

 

वह देख रहा था

पहचान-पत्र दिखाकर लोगों को जाते हुए

सुरक्षा के घेरे में.

वह स्वयं

सुरक्षा के घेरे से बहुत दूर था

अपनी ही दुनिया में –

लोग कहाँ जाते हैं

उसे क्या मालूम ?

लोगों को क्या मालूम

कि उनकी सुरक्षा के घेरे के बाहर

और भी दुनिया है !

उसने एक बार

दीवार की खिसकी हुई ईंट की जगह

आँख लगाकर देखा था

एक बड़ी सी चमचमाती चिड़िया

कोलतार के लम्बे रास्ते पर…

Continue

Added by sharadindu mukerji on April 29, 2014 at 1:30am — 4 Comments

आँखों देखी - 17 ‘और नहीं बेटा, बहुत हो गया’

आँखों देखी - 17 ‘और नहीं बेटा, बहुत हो गया’

 

 

     मैं ग्रुबर कैम्प के उस अद्भुत अनुभव की यादों में खो गया था. हमारा हेलिकॉप्टर कब आईस शेल्फ़ के 100 कि.मी. चौड़े सन्नाटे को पार करने के बाद शिर्माकर ओएसिस को भी पीछे छोड़ चुका था, मुझे पता ही नहीं चला. अचानक जब धुँधली खिड़की से वॉल्थट पर्वतमाला की दूर तक विस्तृत श्रृंखला नज़र के सामने उभर आयी मैं वर्तमान में वापस आ गया. ग्रुबर आज हमारी बाँयी ओर पूर्व दिशा में था. हमारा लक्ष्य था पीटरमैन रेंज के उत्तरी सिरे…

Continue

Added by sharadindu mukerji on April 24, 2014 at 8:28pm — 5 Comments

आँखों देखी – 16 वॉल्थट में वह पहली रात !

आँखों देखी – 16 वॉल्थट में वह पहली रात !

 

     “थुलीलैण्ड” में क्रिसमस की पूर्व संध्या का अनुभव यादगार बनकर रह गया हमारे मन में. अगले दो दिनों में हेलिकॉप्टर द्वारा कई फेरों में आवश्यक सामग्री जहाज़ से शिर्माकर स्थित भारतीय शिविर, जिसे नाम दिया गया था ‘मैत्री’, तक पहुँचा दिया गया. 27 दिसम्बर 1986 के दिन ‘मैत्री’ को पूरी तरह रहने योग्य बनाकर छठे अभियान के ग्रीष्मकालीन दल के हवाले कर दिया गया. विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों को इसी शिर्माकर ओएसिस में अथवा मैत्री को…

Continue

Added by sharadindu mukerji on April 16, 2014 at 2:00am — 5 Comments

आंखों देखी – 15 बैरागी अभियात्री, साधारण इंसान

आंखों देखी – 15  बैरागी अभियात्री, साधारण इंसान

     आसमान में बादल थे लेकिन दृश्यता (visibility) अच्छी होने के कारण छठे अभियान दल के दलनेता ने दक्षिण गंगोत्री आने का निर्णय लिया. नियमानुसार, जहाज़ के अंटार्कटिका पहुँचने के साथ ही अभियान की पूरी कमान नए दल के दलनेता के हाथों आ जाती है हालाँकि वे हालात के अनुसार लगभग सभी निर्णय शीतकालीन दल के स्टेशन कमाण्डर के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही लेते हैं. शिष्टाचार के अतिरिक्त इसका मुख्य कारण है शीतकालीन दल का विशाल अनुभव…

Continue

Added by sharadindu mukerji on April 8, 2014 at 5:15pm — 4 Comments

उद्घोष

उद्घोष

(ओ.बी.ओ. की चौथी वर्षगाँठ पर ओ.बी.ओ. परिवार के सभी का अभिनंदन करते हुए)

 

गली-गली पवन चली, किलक उठी कली-कली,
महक उठे पराग बिंद, थिरक उठे अलि-अलि.

 

जाग उठा तमाल वन, जाग उठा है हर चमन,
किसी के आगमन के साथ, जाग उठा है हर सपन.

उम‌ड़ रहे जलद दल, घुमड़ रहे वे हो विकल,
कर रहे उद्घोष सब, ये किसी का जन्म पल.

(मौलिक व अप्रकाशित रचना)

Added by sharadindu mukerji on April 1, 2014 at 1:32am — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service