22 22 22 22 22 22 22 2
सुख उसका दुख उसका है तो फिर काहे का रोना है
दौलत उसकी शोहरत उसकी क्या पाना क्या खोना है //
चाँद-सितारे उससे रोशन फूल में उससे खुशबू है
ज़र्रे-ज़र्रे में वो शामिल वो चांदी वो सोना है //
खुशिओं के वो मोती भर दे या ग़म की बरसात करे
उसकी हुकूमत है हर सू वो जो चाहे सो होना है //
सारी दुनिया का वो मालिक हर शय उसके क़ब्ज़े में
उसके आगे सब कुछ फीका क्या जादू क्या टोना है…
Added by SALIM RAZA REWA on October 6, 2019 at 8:30pm — 10 Comments
2122 1122 1122 22
मेरी आँखों में हुआ जब से ठिकाना तेरा
लोग कहते हैं सरे आम दिवाना तेरा
रोज़ मिलने की तसल्ली न दिया कर मुझको
जान ले लेगा किसी रोज़ बहाना तेरा
छीन लेगा ये मेरा होश यकीनन इक दिन …
Added by SALIM RAZA REWA on October 1, 2019 at 8:00am — 10 Comments
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