For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Zaif's Blog – November 2022 Archive (3)

ग़ज़ल - अभी दुश्मनी में वो शिद्दत नहीं है

122 122 122 122

अभी दुश्मनी में वो शिद्दत नहीं है

हवा को चराग़ों से दिक़्क़त नहीं है

सभी को यहाँ मैं ख़फ़ा कर चुका हूँ

मुझे सच छुपाने की आदत नहीं है

मुझे है बहुत कुछ बताने की चाहत

मगर बात करने की मोहलत नहीं है

किसी से तुझे क्यों मिलेगी मुहब्बत

तुझे जब तुझी से मुहब्बत नहीं है

हक़ीक़त कहूँ तो मैं हूँ ख़ैरियत से

मगर ख़ैरियत में हक़ीक़त नहीं है

मिरे दिल पे तेरी हुक़ूमत है…

Continue

Added by Zaif on November 19, 2022 at 12:07am — 4 Comments

ग़ज़ल (फ़ेलुन बह्र)

(आ. समर सर जी की इस्लाह के बाद)

(22 22 22 22)

सोचा कुछ तो होगा उसने

हमको मुड़कर देखा उसने

कौन वफ़ा करता है ऐसी

सारी उम्र सताया उसने 

जुड़ता कैसे ये टूटा दिल

टुकड़े करके छोड़ा उसने 

जब-जब ज़िक्र-ए-उल्फ़त छेड़ा

तब-तब मुझको टोका उसने 

उसको कौन समझ सकता था

बदला रोज़ मुखौटा उसने 

जिसको सबसे बढ़कर चाहा

छोड़ा मुझको तन्हा उसने 

जाकर वापस…

Continue

Added by Zaif on November 18, 2022 at 7:32pm — 6 Comments

ग़ज़ल (रोटी)

2122 1212 22/112

जितनी क़िस्मत में थी लिखी रोटी

सबको उतनी ही मिल सकी रोटी

मुफ़्लिसी, भूख, दर्द, दुख, आंसू

हां, बहुत कुछ है बोलती रोटी

याद परदेस में भी आती है

मां के हाथों की वो बनी रोटी

ज़ाइक़ा कुछ अलग ही है इनका

वो नमक-मिर्च, वो दही-रोटी

रो रहा है सड़क पे इक बच्चा-

'दो दिनों से नहीं मिली रोटी'

कीं बहुत 'ज़ैफ़' कोशिशें हमने

बन न पाई वो गोल-सी…

Continue

Added by Zaif on November 8, 2022 at 5:30am — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
51 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
52 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
52 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
52 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
53 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service