For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

केवल प्रसाद 'सत्यम''s Blog – November 2013 Archive (4)

!!! पर दीवाना धीर साहस डॉंटता !!!

!!! पर दीवाना धीर साहस  डॉंटता !!!--संशोधित

बह्र- 2122 2122 212

ताड़ना के शब्द निश-दिन बॉंचता।

प्यार है आसां मगर क्यों?  छॉंजता।।

हाथ से पतवार मांझी छोड़ कर,

जाल कल्मष का बिछाता हॉंपता।।

मीन का व्यापार करता - बाद में,

लाख जन्मों तक भटकता कॉंपता।

जाति जालिम जान तक भी छीनती,

धर्म की छतरी शिखा पर तानता।

सिर चढ़ाते हैं बड़े ही प्यार से,

बागबां ही बाग को फिर  छॉंटता।

सोचता हूं आज…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 19, 2013 at 8:30pm — 13 Comments

!!! मनमोहन रूप सॅंवार रहे !!!

!!! मनमोहन रूप सॅंवार रहे !!!
दुर्मिल सवैया- आठ सगण

मनमोहन  रूप  सॅंवार  रहे, छवि  देख रहे  जमुना जल में।
सब ग्वाल कमाल धमाल करें, झट कूद पड़े जमुना जल में।।
अधरों पर  ज्ञान भरी  मुरली, रस धार  बहे जमुना जल में।
गउ-ग्वालिन डूब गयीं रस में, तन  तैर रहे जमुना जल में।।

के0पी0सत्यम/ मौलिक व अप्रकाशित

 

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 13, 2013 at 6:00pm — 23 Comments

!!! सत्य खुलकर पारदर्शी हो गई !!!

!!! सत्य खुलकर पारदर्शी हो गई !!!

बह्र - 2122 2122 212

आज कल की धूप हल्की हो गई।

रंग बातें अब चुनावी हो गई।।

आईना तो खुद बड़ा जालिम यहां

सत्य खुल कर पारदर्शी हो गई।

प्यार का अहसास सुन्दर सांवरा,

दर्द बाबुल की कहानी हो गई।

जब कभी उम्मीद मुशिकल से जगे,

आस्था भी दूरदर्शी हो गई।

आईना को तोड़कर बोले खुदा,

श्वेत दाढ़ी आज पानी हो गई।

शोर है कलियुग यहां दानव हुआ,

साधु सन्तों सी…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 10, 2013 at 3:13pm — 26 Comments

!!! दीवाली क्या चीज है !!!

!!! दीवाली क्या चीज है !!!

जीवन का उद्देश्य सम, हर पल रहें प्रसन्न।

मृत्यु काल के घाट पर, नहीं पूंछती प्रश्न।। 1

सदा दिया के सम बनो, उजला रहे समाज।

निश-दिन पाप मुक्त तभी, कर दीवाली आज।। 2

यह प्यारा संसार है, दीन-हीन के संग।

दीपक जिनके घर नही, उनके लिए पतंग।। 3

लक्ष्मी को पूजें सभी, धनतेरस है कमाल।

बहू हमारी कर्ज सी, नित झगड़ा जंजाल।। 4

आलम-गौरव गले मिलें, होली हो या ईद।

नेता झंझट कील से, उकसाते…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on November 2, 2013 at 9:32am — 20 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service