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Dr Ashutosh Mishra's Blog – April 2014 Archive (4)

रावनो को लक्ष्मनी रेखा नहीं

२१२२ २१२२ २१२


है वतन में कोई भी भूखा नहीं !
लगता है पूरा वतन देखा नहीं

रोटियाँ हाथों में ले रोते रहे
कह रहे थे क्यूँ मिला चोखा नहीं

जुल्म के बाजार कितने भी फलें
रावनो को लक्ष्मनी रेखा नहीं

फूटते ही हैं नहीं घाट पाप के अब
पाप-पुण्यों का कोई लेखा नहीं

फट गयी धरती वहां पर प्यास से
पर यहाँ इक बूँद भी सोखा नहीं

सब हमें छलते रहे हैं रात-दिन
सोचते आशू कहाँ धोखा नहीं


मौलिक व अप्रकाशित

Added by Dr Ashutosh Mishra on April 30, 2014 at 11:19am — 9 Comments

न फिर तुम पूंछना क्यूँ भाई की सूनी कलाई है

१२२२    १२२२    १२२२   १२२२ 

बड़ी उम्मीद से मालिक ने ये दुनिया बनायी है

दरिंदों ने मगर ये आग नफरत की लगाई है

 

कमर दुहरी हुई थी उसकी इक झोपड़ के ही खातिर

मगर हैवान ने वो भी नहीं छोडी जलाई है

 

नपुंसक हो गए हैं आज ताजो तख़्त दुनिया के

यही कहती है सबसे चीख बेबा की रुलाई है

 

कुलांचे भर रहा था जो लहू में है पड़ा भीगा

हिरन शावक पे किसने आज ये गोली चलायी है

 

अगर अब भी रही जारी यूं कन्या भ्रूण…

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Added by Dr Ashutosh Mishra on April 24, 2014 at 3:42pm — 9 Comments

मेरे खतों को लगा दिल से चूमती है वो

१२१२     ११२२    १२१२     २२

हसींन जुल्फ कहीं पर बिखर रही होगी

हवा है महकी उधर से गुजर रही होगी

 

फलक पे चाँद है बेताब चांदनी गुमसुम

कहीं जमी पे वो बुलबुल निखर रही होगी

 

जमी पे आज हैं बिखरे तमाम आंसू यूं

ग़मों में डूबी ये शब किस कदर रही होगी

 

मेरे खतों को लगा दिल से चूमती है वो

खुदा कसम ये खबर क्या खबर रही होगी

 

जो जान हम पे छिड़कती उसे नहीं देखा

वो झिर्रियों से ही तकती नजर रही…

Continue

Added by Dr Ashutosh Mishra on April 16, 2014 at 12:12pm — 17 Comments

इशारों को शरारत ही कहूं या प्यार ही समझूं

1222 1222 1222 1222

इशारों को शरारत ही कहूं या प्यार ही समझूं

कहूं मरहम इन्हें या खंजरों का वार ही समझूं

कशिश बातों में तेरी अब अजब सी मुझको लगती है

कहूं बातों को बातें या इन्हें इकरार ही समझूं

वो डर के भेडियो से आज मेरे पास आये हैं

कहूं हालात इसको या कि फिर एतवार ही समझूं

झरे आँखों से आंसू आज तो बरसात की मानिंद

कहूं मोती इन्हें या सिर्फ मैं जलधार ही समझूं

तेरी नजरों ने कैसी आग सीने में लगाई है …

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Added by Dr Ashutosh Mishra on April 16, 2014 at 11:00am — 8 Comments

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