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Satyanarayan Singh's Blog – February 2017 Archive (2)

दो इतनी बस भीख मुझे ......

मत्तगयंद सवैया :-

============

 

दो इतनी बस भीख मुझे मन, और न माँग रहा कुछ स्वामी|

नाम जपे दिन रात सदा मुख, गान करे रसना गुण स्वामी||

रूप मनोहर देख सदा दृग, शीतल हो मन पावन स्वामी |

याचक “सत्य” करे विनती नित , शीश नवा पद पंकज स्वामी|१|

 

याद बड़ी शुभदायक औ तव, रूप बड़ा मन मोहक स्वामी|

भक्त कृपालु उदार मना तुम, भक्त कृपा लहते तव स्वामी||

बन्धु सखा गुरु मात पिता तुम, हो भव सागर तारक स्वामी|

जीवन की तुम आस प्रभो! तुम,हो…

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Added by Satyanarayan Singh on February 21, 2017 at 11:30pm — 2 Comments

करूँ वंदना आज वागीश्वरी की.......

करूँ वंदना आज वागीश्वरी की, सुनो प्रार्थना माँ हमारी सभी।

भरो ज्ञान का मात भंडार ऐसे, लुटाऊँ जहाँ में न रीते कभी।।

विराजो सदा आप वाणी हमारी, फलीभूत हो कामना माँ सभी।

लिखूँ गीत गाऊँ सुनाऊँ ख़ुशी से, दुलारा जहाँ में कहाऊँ तभी।१।



दिलों में अँधेरा समाया सभी के, उजाला दिलों में करो ज्ञान से।

मुझे मात दो कंठ ऐसा सुरीला, झरे माँ सुधा गीत के गान से।।

करो लेखनी की जरा धार पैनी, निखारो सदा शिल्प के सान से।

कला पक्ष औ भाव दोनों सँवारो, सधे साधना आपके ध्यान…

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Added by Satyanarayan Singh on February 1, 2017 at 12:30am — 7 Comments

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