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Nazeel's Blog – January 2012 Archive (4)

मेरे घर के नज़दीक दीवारों पे

मेरे घर के नज़दीक दीवारों पे ||
आए नज़र मुझे तू इश्तिहारों पे ||

है सच्चाई की शरीफ कूचों में भी ,
अक्सर बिकता है हुस्न चौबारों पे ||

शायद सब जायज है इस सियासत में,
बस मुद्दे ही हैं किस्मत के मारो पे ||

मुमकिन ना है अब वस्ल होगा उनसे ,
बसते हैं जो आजकल वो सितारों पे ||

आखिर आए है मौसिमे -वीरानी ,
इस फिजा को महकाती इन बहारों पे ||

Added by Nazeel on January 31, 2012 at 4:30pm — 5 Comments

तेरे बिना लगती है जिंदगी अधूरी सी |

तेरे बिना लगती है जिंदगी अधूरी सी |

अपनी बज़्म की है अब हर ख़ुशी अधूरी सी ||



बन के अब्र कोई ,बरसाए बारिशे-उल्फत ,

मुहब्बत के बिन तो है दिल की ज़मीं अधूरी सी ||



इसको गुनाह समझ ,चाहे समझ खता इसको ,

हमसफ़र के बिन लगती है खुदी अधूरी सी ||



जाम छलके हैं चाहे रोज़ मैकदे में, पर ,

तेरे बिन साकीया ,मैकशी अधूरी सी |



मैं चाहता हूँ अक्सर देखना खुदा को ,

जाने क्यों रह जाए बन्दगी अधूरी सी |



उनके ख्यालों में खोकर "नजील" अब मै तो… Continue

Added by Nazeel on January 21, 2012 at 7:45pm — 6 Comments

मुस्काने की फितरत साथ दे अगर

मुश्किल में एजद की रहमत साथ दे अगर |

तो छू लें बुलंदी हम ,किस्मत साथ दे अगर ||



मिट  जाएगा  झूठ  हमारी  कायनात  से ,

बस हमको इक बार सदाकत साथ से अगर…

Continue

Added by Nazeel on January 17, 2012 at 12:30pm — 4 Comments

उन्हें देख कर सूरत पे जलाल आए

जब भी तुझको पाने का ख्याल आए |

पाए किस तरह ज़हन में सवाल आए ||

.

छोड़ कर हिया वो आ लगे गले से ,

जब उनसे हम पूछने उनका हाल आए |

.

बिन उनके तो हम बैठे रहें बुझे से ,

उन्हें देख कर सूरत पे…

Continue

Added by Nazeel on January 7, 2012 at 12:00pm — 3 Comments

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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