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Nirmal Nadeem
  • Male
  • Mumbai
  • India
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  • Shyam Narain Verma
 

Welcome, Nirmal Nadeem!

Profile Information

Gender
Male
City State
Jaunpur, Uttar Pradesh.
Native Place
Jaunpur
Profession
poet
About me
person with feeling

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At 1:09am on February 4, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

Nirmal Nadeem's Blog

एक ताज़ा ग़ज़ल: निर्मल नदीम

ज़िन्दगी की राह में इसके सिवा कुछ भी नहीं।

आदमी को सूझता अच्छा बुरा कुछ भी नहीं।



वो नुमाइश का चला है दौर जिसके सामने

अहल ए दिल कुछ भी नहीं अहले वफ़ा कुछ भी नहीं।



वक़्त यूँ खामोशियों की तर्जुमानी कर गया,

उसने सब कुछ सुन लिया मैंने कहा कुछ भी नहीं।



बेरुखी की हद से आगे की थी उसकी बेरुखी

मैंने पूछा- क्या हुआ, उसने कहा- कुछ भी नहीं।



हर क़दम पर तुमने मेरे इश्क़ को रुस्वा किया

फिर भी मेरे दिल में है शिक़वा गिला कुछ भी… Continue

Posted on May 13, 2015 at 7:45pm — 13 Comments

एक गीत- निर्मल नदीम

मेरे घर का सूना आँगन सूना - सूना ही रह जाता

अगर तुम्हारे पग पायल की मधुर मधुर झंकार न होती।



तुमने पाँव रखा जैसे ही

मुर्दे दिल में जान आ गयी;

ज़र्द फूल के रुखसारों पर

लाली बनकर ख़ुशी छा गयी,

यह चांदनी जलन बन जाती, ठण्डी छाँव चुभन बन जाती,

अगर न तुम जुल्फ़ें लहराती, शीतल पड़ी फुहार न होती।



जलने लगे स्वतः दीपक सब

लगा महकने कोना - कोना,

कंकड़ - पत्थर, हीरे - मोती,

लगे मृत्तिका सच्चा सोना,

मुक्त गगन के चाँद सितारे, उतर गए आँगन में… Continue

Posted on March 15, 2015 at 6:18pm — 16 Comments

ग़ज़ल - निर्मल नदीम

गिरा के अपनी ही आँखों से खून काग़ज़ पर,

तलाश करता रहा दिल सुकून काग़ज़ पर.



जला के खाक ही कर दे जहान को आशिक़,

अगर उतार दे अपना जुनून काग़ज़ पर..

ग़ज़ल का एक भी मिसरा नहीं कहा मैनें,

थिरक रहा है किसी का फुसून काग़ज़…

Continue

Posted on February 25, 2015 at 12:00pm — 24 Comments

 
 
 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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