376 members
114 members
172 members
आपका अभिनन्दन है.
ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए |
| | | | | | | | |
आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट (क्लिक करें) कर सकते है. और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें. |
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे | |
||
ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सव, छंदोत्सव, तरही मुशायरा व लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद. |
कभी गर ठान लो मन में,
समर्पित हो ही जाना है।
जगत कल्याण के हित में,
जो अर्पित हो ही जाना है।
तो बंधन मोह का चुन चुन के तुमको तोड़ना होगा..
स्वजन की आँख में आँसू भी तुमको छोड़ना होगा ..
सहज है स्वार्थ का जीवन, कठिन है त्याग कर जाना ।
द्रवित होकर किसी के आँसुओं की धार से अविरल,
कहीं ऐसा न करना लौटकर तुम फिर चले आना।
तड़प कर तात ने तन को-
विसर्जित कर दिया अपने।
नयन में मर गए घुटकर,
बिचारी माँ के भी सपने ।
मगर जो लौट…
Posted on May 26, 2019 at 8:32am — 2 Comments
प्रकाश के तंतुओं से निर्मित,
हमें मिला है प्रकृति द्वारा,
रंगीनियों का उपहार।
और हम, उसी का धन्यवाद देते हैं,
होली के त्यौहार में।
रंगों का महापर्व, होली !
सिर्फ उत्सव नहीं,
अपितु यह तो है,
दुनिया की प्राचीनतम -
और महानतम सभ्यता का विचार तत्व।
जीवन और प्रकाश से परे,
जब शून्य था ब्रह्मांड,
काले अँधेरे की शक्ल में-
रंग तब भी विद्यमान थे।
और फिर विधाता…
Posted on March 20, 2019 at 6:01pm — 2 Comments
चिर अखण्डित वेदना को कर समर्पित प्राण अपने-
ध्वंस के अवशेष पर नित नेह का दीपक जलाना,
अब भी है प्रिय कर्म मेरा, याद कर…
ContinuePosted on February 3, 2019 at 7:23am — 5 Comments
अचानक से,
आकर मुझसे,
इठलाता सा पंछी बोला।
ईश्वर से मानव ने तो,
उत्तम ज्ञान-दान था मोला।
ऊपर हो तुम सब जीवों में,
एक अकेली जात अनोखी,
ऐसी क्या मजबूरी तुमको-
ओट रहे होंठों की शोख़ी?
और सताकर कमज़ोरों को-
अंग तुम्हारा खिल जाता…
Posted on October 22, 2018 at 8:30am — 1 Comment
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2019 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |