बड़े लोग कहते रहे, जीतो काम व क्रोध.
पर ये तो आते रहे, जीवन के अवरोध.
माफी मांगो त्वरित ही, हो जाए अहसास.
होगे छोटे तुम नहीं, बिगड़े ना कुछ ख़ास.
क्रोध अगर आ जाय तो, चुप बैठो क्षण आप.
पल दो पल में हो असर, मिट जाएगा ताप .
रोकर देखो ही कभी, मन को मिलता चैन.
बीती बातें भूल जा, त्वरित सुधारो बैन .
(मौलिक व अप्रकाशित)