काफिया : आद ; रदीफ़ :नहीं
बहर : २१२२ २१२२ २१२२ २२(११२)
हुक्म की तामील करना कोई’ बेदाद नहीं
बादशाही सैनिकों से कोई’ फ़रियाद नहीं |
“देशवासी की तरक्की हो” पुराना नारा
है नई बोतल, सुरा में तो’ ईजाद नहीं |
भक्त था वह, मूर्ति पूजा की लगन से उसने
द्रौण से सीखा सही वह, द्रौण उस्ताद नहीं |
देश है आज़ाद, हैं आज़ाद भारतवासी
किन्तु दकियानूसी’ धार्मिक सोच आज़ाद नहीं |
लूटने का मामला है, लूटते सब नेता
दीखत…