सच यह है कि
अंधा होने के लिए नेत्रहीन होना कोई शर्त नहीं होती
वरना किसी युग में द्रौपदी कभी कहीं नही रोती
बल्कि सच यह है कि
जब जब राजा अंधा होता ,पूर्ण अंध हो जाता काज
क्या मर्यादा,वचन प्रतिज्ञा सब का सब कोरी बकवास
सच ही तो है कि
पाँच पतियों की भार्या थी वो ,आर्य वंश कि आर्या थी वो
गृह लक्ष्मी वो हुई अवाक सब थे सामने लुट गई लाज
भीष्म मर्यादित राज सभा पर नहीं उठी प्रतिरोध आवाज़
सच है तो…