2122 2122 2122 अपनी रानाई पे तू मग़रूर है क्या । बेवफ़ाई के लिए मज़बूर है क्या ।।
कम न हो पाये अभी तक फ़ासले भी ।। तू बता उल्फ़त की दिल्ली दूर है क्या ।।
दूर तक चर्चा है क़ातिल के हुनर की । वो ज़रा सी उम्र में मशहूर है क्या ।।
तोड़ देना दिल किसी का बेसबब ही । शह्र का तेरे नया दस्तूर है क्या ।।
ज़ुल्मते शब हो गयी रोशन यहां भी । चाँद का उतरा जमीं पर नूर है क्या ।।
हो रहा ह…