"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 99 - Open Books Online2024-03-28T13:40:36Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/99?commentId=5170231%3AComment%3A988733&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9888142019-07-21T18:30:12.667ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव का निन्यान्बेवाँ आयोजन समाप्त हुआ।</p>
<p>सभी सहभागियों के प्रति आभार.. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p>
<p>'चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव का निन्यान्बेवाँ आयोजन समाप्त हुआ।</p>
<p>सभी सहभागियों के प्रति आभार.. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p> मार्गदर्शन हेतु सादर आभार आद…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9887352019-07-21T18:22:01.617ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p> मार्गदर्शन हेतु सादर आभार आदरणीय</p>
<p> मार्गदर्शन हेतु सादर आभार आदरणीय</p> आपने मेरे कहे को अनुमोदित कर…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9888132019-07-21T18:15:00.066ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपने मेरे कहे को अनुमोदित कर मेरा मान रखा, आदरणीय सत्यनारायण भाईजी। </p>
<p>वैसे, हिंदी भाषा में चुँकि 'शक्ति' ही शुद्ध है तो इस शब्द का ऐसे ही प्रयोग किया जाना उचित होगा। इस हिसाब से आदरणीया प्राची जी का सुझाव सही है। </p>
<p>सादर </p>
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<p>आपने मेरे कहे को अनुमोदित कर मेरा मान रखा, आदरणीय सत्यनारायण भाईजी। </p>
<p>वैसे, हिंदी भाषा में चुँकि 'शक्ति' ही शुद्ध है तो इस शब्द का ऐसे ही प्रयोग किया जाना उचित होगा। इस हिसाब से आदरणीया प्राची जी का सुझाव सही है। </p>
<p>सादर </p>
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<p></p> समय समय पर आदरणीय आपसे एवं मं…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9888112019-07-21T17:47:46.527ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p style="text-align: left;">समय समय पर आदरणीय आपसे एवं मंच से जुड़े सुधीजनों से अपनी प्रस्तुति पर मिले मार्गदर्शन हेतु मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जो अन्यत्र क्वचित ही प्राप्त होता है। </p>
<p>आदरणीय आप सही कह रहें हैं मराठी में इच्छाशक्ती ही कहते हैैं। मैंने पहले इच्छाशक्ति का ही प्रयोग किया था किन्तु मात्रा के जुगाड में उसे इच्छाशक्ती में परिवर्तित कर दिया। </p>
<p>पुनश्च सादर आभार सह शुभरात्रि....</p>
<p style="text-align: left;">समय समय पर आदरणीय आपसे एवं मंच से जुड़े सुधीजनों से अपनी प्रस्तुति पर मिले मार्गदर्शन हेतु मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जो अन्यत्र क्वचित ही प्राप्त होता है। </p>
<p>आदरणीय आप सही कह रहें हैं मराठी में इच्छाशक्ती ही कहते हैैं। मैंने पहले इच्छाशक्ति का ही प्रयोग किया था किन्तु मात्रा के जुगाड में उसे इच्छाशक्ती में परिवर्तित कर दिया। </p>
<p>पुनश्च सादर आभार सह शुभरात्रि....</p> आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी,…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9888102019-07-21T17:42:35.145Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, उत्साहवर्धन के लिए सादर हार्दिक आभार, नमन सादर</p>
<p>आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, उत्साहवर्धन के लिए सादर हार्दिक आभार, नमन सादर</p> हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जीtag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9886382019-07-21T17:42:13.074Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी</p> आदरणीय अशोक भाईजी
खूबसूरत छंद…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9885582019-07-21T17:35:52.564Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>खूबसूरत छंदों से आपने दिल खोलकर रचना की तारीफ की यह सचमुच मेरे लिए उत्साहवर्धक है।</p>
<p>ऐसी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से धन्यवाद, आभार।</p>
<p></p>
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<p>आदरणीय अशोक भाईजी</p>
<p>खूबसूरत छंदों से आपने दिल खोलकर रचना की तारीफ की यह सचमुच मेरे लिए उत्साहवर्धक है।</p>
<p>ऐसी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से धन्यवाद, आभार।</p>
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<p></p> आदरणीया प्राची जी, इस बिंदू प…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9887332019-07-21T17:29:05.790ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p style="text-align: left;">आदरणीया प्राची जी, इस बिंदू पर मैं भी कहना चाहता था, लेकिन आदरणीय सत्यनारायण जी की मराठी भाषी पृष्ठभूमि की सोच कर मैं चुप हो गया कि 'शक्ती' की वर्तनी पर भौगोलिक एवं तदनुरूप भाषिक प्रभाव हो. </p>
<p style="text-align: left;">आपका इशारा सार्थक है। </p>
<p style="text-align: left;">सादर </p>
<p style="text-align: left;">आदरणीया प्राची जी, इस बिंदू पर मैं भी कहना चाहता था, लेकिन आदरणीय सत्यनारायण जी की मराठी भाषी पृष्ठभूमि की सोच कर मैं चुप हो गया कि 'शक्ती' की वर्तनी पर भौगोलिक एवं तदनुरूप भाषिक प्रभाव हो. </p>
<p style="text-align: left;">आपका इशारा सार्थक है। </p>
<p style="text-align: left;">सादर </p> आदरणीय अशोक रक्ताले जी प्रस्त…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9886372019-07-21T17:05:06.104ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय सादर नमन</p>
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय सादर नमन</p> सीमित साधन हों जीवन में, किंत…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-21:5170231:Comment:9885572019-07-21T16:53:55.033ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<div dir="auto">सीमित साधन हों जीवन में, किंतु न हम घबरायें।</div>
<div dir="auto">इच्छाशक्ती प्रबल आत्मबल, गुलमोहर सा पायें।..........वाह ! वाह ! बहुत सुंदर और सार्थक पंक्तिया. </div>
<div dir="auto"></div>
<div dir="auto">आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी सादर, प्रदत्त चित्र पर सार छंद आधारित सुन्दर गीत रचा है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर. </div>
<div dir="auto">सीमित साधन हों जीवन में, किंतु न हम घबरायें।</div>
<div dir="auto">इच्छाशक्ती प्रबल आत्मबल, गुलमोहर सा पायें।..........वाह ! वाह ! बहुत सुंदर और सार्थक पंक्तिया. </div>
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<div dir="auto">आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी सादर, प्रदत्त चित्र पर सार छंद आधारित सुन्दर गीत रचा है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर. </div>