"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 97 - Open Books Online2024-03-29T15:55:23Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/97?commentId=5170231%3AComment%3A984156&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noबड़ी देर से आये भाई .. लेकिन ख…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9842232019-05-19T18:30:13.352ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>बड़ी देर से आये भाई .. लेकिन खुश हो, लें बधाई .</p>
<p>हार्दिक धन्यवाद आदरणिय सत्यनारायणा जी.</p>
<p>सादर</p>
<p>. </p>
<p>बड़ी देर से आये भाई .. लेकिन खुश हो, लें बधाई .</p>
<p>हार्दिक धन्यवाद आदरणिय सत्यनारायणा जी.</p>
<p>सादर</p>
<p>. </p> आदाब। बहुत ही दिलचस्प और चित्…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9839792019-05-19T18:19:30.199ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। बहुत ही दिलचस्प और चित्र के बहुआयामी भावों व संदेशों को समेटते बढ़िया छंदों हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय अजय गुप्ता साहिब। बढ़िया आयोजन-समापन पेशकश।</p>
<p>आदाब। बहुत ही दिलचस्प और चित्र के बहुआयामी भावों व संदेशों को समेटते बढ़िया छंदों हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय अजय गुप्ता साहिब। बढ़िया आयोजन-समापन पेशकश।</p> मेरी दूसरी प्रस्तुति में.कुछ…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9842222019-05-19T18:16:32.236ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p> मेरी दूसरी प्रस्तुति में.कुछ ऐसा ही अभ्यास प्रयास किया गया है। सादर।</p>
<p> मेरी दूसरी प्रस्तुति में.कुछ ऐसा ही अभ्यास प्रयास किया गया है। सादर।</p> मची हुई है हबड़ा-दबड़ी, कैसी आप…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9839762019-05-19T18:13:28.510Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://www.openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>मची हुई है हबड़ा-दबड़ी, कैसी आपा धापी,</p>
<p>इसको जल्दी उसको देरी, कैसी दुविधा व्यापी।</p>
<p></p>
<p>पैदल हो या चढ़ा पालकी, मार्ग एक है समझो,</p>
<p>मोड़ मिलेंगें राह कटेंगीं, सुख-दुःख मिलने सबको।</p>
<p></p>
<p>देता है निर्देश हमेशा, बोल आत्मा का तो,</p>
<p>सुने नहीं जब कोई उसकी, किसकी गलती बोलो।</p>
<p></p>
<p>कर्म करेगा जो भी उत्तम, उसका नाम रहेगा,</p>
<p>मूर्त रूप में रह कर सबका, वो उद्धार करेगा।</p>
<p></p>
<p>सभी कहेंगें अपनी बातें, मत विवेक को खोना,</p>
<p>मत प्रचार में बह जाना तुम,…</p>
<p>मची हुई है हबड़ा-दबड़ी, कैसी आपा धापी,</p>
<p>इसको जल्दी उसको देरी, कैसी दुविधा व्यापी।</p>
<p></p>
<p>पैदल हो या चढ़ा पालकी, मार्ग एक है समझो,</p>
<p>मोड़ मिलेंगें राह कटेंगीं, सुख-दुःख मिलने सबको।</p>
<p></p>
<p>देता है निर्देश हमेशा, बोल आत्मा का तो,</p>
<p>सुने नहीं जब कोई उसकी, किसकी गलती बोलो।</p>
<p></p>
<p>कर्म करेगा जो भी उत्तम, उसका नाम रहेगा,</p>
<p>मूर्त रूप में रह कर सबका, वो उद्धार करेगा।</p>
<p></p>
<p>सभी कहेंगें अपनी बातें, मत विवेक को खोना,</p>
<p>मत प्रचार में बह जाना तुम, विचलित तनिक न होना।</p>
<p></p>
<p>बाज़ारों का इमारतों का, रूप बड़ा फुसलाता,</p>
<p>माया नाम इसी का तो है, कौन बचा रह पाता।</p>
<p></p>
<p>चौराहा है चौराहे का, जीवन जैसा चक्कर,</p>
<p>गोल-गोल घूमो कितना भी, घर जाना है थक कर।</p>
<p></p>
<p>#मौलिक व अप्रकाशित</p>
<p></p>
<p></p>
<p></p>
<p></p> आदरणीय आसिफ भाई
छंद की प्रशंस…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9842212019-05-19T17:27:32.722Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय आसिफ भाई</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।</p>
<p></p>
<p>आदरणीय आसिफ भाई</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।</p>
<p></p> आदरणीय शेखशहजाद भाई
छंद की प्…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9841822019-05-19T17:26:55.142Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय शेखशहजाद भाई</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।</p>
<p></p>
<p>आदरणीय शेखशहजाद भाई</p>
<p>छंद की प्रशंसा के लिए हृदय से धन्यवाद आभार।</p>
<p></p> आदरणीय अखिलेश जी प्रस्तुति पर…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9840742019-05-19T17:21:43.988ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीय अखिलेश जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार सादर</p>
<p>आदरणीय अखिलेश जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार सादर</p> आदरणीय सत्यनारायण भाई
कुंडलिय…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9839732019-05-19T17:20:17.363Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आदरणीय सत्यनारायण भाई</p>
<p>कुंडलिया दोनों सटीक, बात कहे सब सार।</p>
<p>हृदय बधाई दे रहा, करें इसे स्वीकार॥</p>
<p></p>
<p>आदरणीय सत्यनारायण भाई</p>
<p>कुंडलिया दोनों सटीक, बात कहे सब सार।</p>
<p>हृदय बधाई दे रहा, करें इसे स्वीकार॥</p>
<p></p> आदरणीय अशोक रक्ताले जी इस प्र…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9841812019-05-19T17:18:07.048ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले जी इस प्रयास पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार सादर</p>
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले जी इस प्रयास पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार सादर</p> आदरणीया अनामिका जी प्रस्तुति…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-19:5170231:Comment:9840732019-05-19T17:15:55.056ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीया अनामिका जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया एवं त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु आपका हृदय से आभार</p>
<p>आदरणीया अनामिका जी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया एवं त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु आपका हृदय से आभार</p>