"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 83 - Open Books Online2024-03-28T15:44:07Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/83?commentId=5170231%3AComment%3A919929&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noआपका कहा सिर माथे, आदरणीय..
tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9196942018-03-17T18:34:36.004ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपका कहा सिर माथे, आदरणीय..</p>
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<p>आपका कहा सिर माथे, आदरणीय..</p>
<p></p> दोस्तो,
जनाब सौरभ पाण्डेय सा…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9197982018-03-17T18:31:40.310ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p></p>
<p>दोस्तो,</p>
<p>जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब इस समय बहुत व्यस्त हैं,और इसी कारण से वो इस आयोजन में अपना पूरा समय नहीं दे सके,इसका उन्हें अफ़सोस है ।</p>
<p>चित्र से काव्य तक आयोजन अंक-83 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों का और पाठकों का बहुत बहुत धन्यवाद,शुभ रात्रि</p>
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<p>दोस्तो,</p>
<p>जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब इस समय बहुत व्यस्त हैं,और इसी कारण से वो इस आयोजन में अपना पूरा समय नहीं दे सके,इसका उन्हें अफ़सोस है ।</p>
<p>चित्र से काव्य तक आयोजन अंक-83 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों का और पाठकों का बहुत बहुत धन्यवाद,शुभ रात्रि</p> जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9197972018-03-17T18:26:01.542ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,भुजंगप्रयात और शक्ति छन्द मुझे इतने पसन्द आये हैं कि मैं बता नहीं सकता,जैसा कि हम जानते हैं कि इन छन्दों को जब पहली बार रखा गया तो नये सीखने वाले कई जगह बहके थे इसी कारण से इसे अगले आयोजन में फिर से स्थान दिया गया,और इसी सबब से इन्हें इस आयोजन में भी रखा गया,इस बार के आयोजन में नए सीखने वाले बहुत कुछ सँभले हुए नज़र आये,मेरा निवेदन है कि इन छन्दों को अगले आयोजन में भी रखा जाये ताकि नव अभ्यासियों की समझ इस पर और मज़बूत हो सके,उम्मीद है आप मेरे इस निवेदन को स्वीकृति…</p>
<p>जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,भुजंगप्रयात और शक्ति छन्द मुझे इतने पसन्द आये हैं कि मैं बता नहीं सकता,जैसा कि हम जानते हैं कि इन छन्दों को जब पहली बार रखा गया तो नये सीखने वाले कई जगह बहके थे इसी कारण से इसे अगले आयोजन में फिर से स्थान दिया गया,और इसी सबब से इन्हें इस आयोजन में भी रखा गया,इस बार के आयोजन में नए सीखने वाले बहुत कुछ सँभले हुए नज़र आये,मेरा निवेदन है कि इन छन्दों को अगले आयोजन में भी रखा जाये ताकि नव अभ्यासियों की समझ इस पर और मज़बूत हो सके,उम्मीद है आप मेरे इस निवेदन को स्वीकृति प्रदान करने का कष्ट करेंगे ।</p> छन्दों पर आपके प्रयास से मुग्…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9199302018-03-17T17:29:40.056ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>छन्दों पर आपके प्रयास से मुग्ध हूँ ।</p>
<p>छन्दों पर आपके प्रयास से मुग्ध हूँ ।</p> आदरणीया मंजीत कौर जी बहुत सुं…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9196902018-03-17T16:46:26.629ZAnamika singh Anahttp://www.openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>आदरणीया मंजीत कौर जी बहुत सुंदर प्रयास किया है आपने..हार्दिक बधाई</p>
<p>आदरणीया मंजीत कौर जी बहुत सुंदर प्रयास किया है आपने..हार्दिक बधाई</p> आदरणीय सतविन्द्र जी , आपका प…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9199292018-03-17T16:37:11.075ZAnamika singh Anahttp://www.openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p> आदरणीय सतविन्द्र जी , आपका प्रतिक्रिया देने का अंदाज़ बहुत भाया मुझको..सराहना हेतु व छंदात्मक प्रतिक्रिया हेतु बेहद आभार आपका..सादर </p>
<p> आदरणीय सतविन्द्र जी , आपका प्रतिक्रिया देने का अंदाज़ बहुत भाया मुझको..सराहना हेतु व छंदात्मक प्रतिक्रिया हेतु बेहद आभार आपका..सादर </p> जी , आदरणीय समर कबीर जी...प्र…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9197922018-03-17T16:34:30.857ZAnamika singh Anahttp://www.openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>जी , आदरणीय समर कबीर जी...प्रस्तुत भुजंगप्रयात छंद पर आधारित यह रचना भी आपको पसंद आई..हार्दिक आभार आपका ..सादर</p>
<p>जी , आदरणीय समर कबीर जी...प्रस्तुत भुजंगप्रयात छंद पर आधारित यह रचना भी आपको पसंद आई..हार्दिक आभार आपका ..सादर</p> बहुत खूब...हार्दिक बधाई ।tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9197912018-03-17T16:28:38.617Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>बहुत खूब...हार्दिक बधाई ।</p>
<p>बहुत खूब...हार्दिक बधाई ।</p> हार्दिक बधाई..tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9196882018-03-17T16:27:19.942Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>हार्दिक बधाई..</p>
<p>हार्दिक बधाई..</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ..प्र…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-17:5170231:Comment:9199282018-03-17T16:26:44.744ZAnamika singh Anahttp://www.openbooksonline.com/profile/AnamikasinghAna
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ..प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ..प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु हार्दिक आभार आपका , सादर </p>