"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 79 - Open Books Online2024-03-28T14:32:36Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/79?commentId=5170231%3AComment%3A897481&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noकभी कभी निःशक्त जनों से, नहीं…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8978302017-11-18T17:50:29.594Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p><span>कभी कभी निःशक्त जनों से, नहीं मांगती दाम</span><br/><span>कहती है कुछ पुण्य करूँ तो, भला करेंगे राम।।// वाह .. चित्र का ये भाव अपने में अनूठा है हार्दिक बधाई आदरणीय अरुण जी </span><br/><br/><span><br/></span></p>
<p><span>कभी कभी निःशक्त जनों से, नहीं मांगती दाम</span><br/><span>कहती है कुछ पुण्य करूँ तो, भला करेंगे राम।।// वाह .. चित्र का ये भाव अपने में अनूठा है हार्दिक बधाई आदरणीय अरुण जी </span><br/><br/><span><br/></span></p> बहुत सुन्दर सतविंदर भाई सरसी…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8976752017-11-18T17:47:14.388Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>बहुत सुन्दर सतविंदर भाई सरसी छंद पर सुन्दर गीत हुआ है , हार्दिक बधाई </p>
<p>बहुत सुन्दर सतविंदर भाई सरसी छंद पर सुन्दर गीत हुआ है , हार्दिक बधाई </p> हार्दिक धन्यवाद आपका. सादर tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8976742017-11-18T17:44:44.639Zमिथिलेश वामनकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/mw
<p>हार्दिक धन्यवाद आपका. सादर </p>
<p>हार्दिक धन्यवाद आपका. सादर </p> बेटी को अवसर दोगे तो,कर देगी…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8976732017-11-18T17:42:10.272Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>बेटी को अवसर दोगे तो,कर देगी सब काज|</p>
<p>पुत्र बुढापे की लाठी है, छोड़ो कहना आज|| // बिलकुल सही वाह ...हार्दिक बधाई इन शानदार छंदों पर ad आदरणीया </p>
<p> राजेश जी </p>
<p>बेटी को अवसर दोगे तो,कर देगी सब काज|</p>
<p>पुत्र बुढापे की लाठी है, छोड़ो कहना आज|| // बिलकुल सही वाह ...हार्दिक बधाई इन शानदार छंदों पर ad आदरणीया </p>
<p> राजेश जी </p> बहुत सहज ,सरस और प्यारा गीत …tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8976722017-11-18T17:38:00.004Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>बहुत सहज ,सरस और प्यारा गीत बाबूजी और बिटिया को लेकर हार्दिक बधाई आदरणीय मिथिलेश जी </p>
<p>बहुत सहज ,सरस और प्यारा गीत बाबूजी और बिटिया को लेकर हार्दिक बधाई आदरणीय मिथिलेश जी </p> हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश ज…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8976712017-11-18T17:32:54.873Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी </p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी </p> रचना पर उपस्थित होकर उत्साहव…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8977562017-11-18T17:31:59.502Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>रचना पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी </p>
<p>रचना पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी </p> हार्दिक आभार सतविंदर भाई tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8978292017-11-18T17:28:56.010Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार सतविंदर भाई </p>
<p>हार्दिक आभार सतविंदर भाई </p> हार्दिक आभार आदरणीय अरुण कुमा…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8975992017-11-18T17:28:05.198Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अरुण कुमार जी </p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय अरुण कुमार जी </p> आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी,…tag:www.openbooksonline.com,2017-11-18:5170231:Comment:8975972017-11-18T17:16:59.130Zमिथिलेश वामनकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/mw
<p>आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, बहुत बढ़िया सरसी छंद पद लिखे हैं आपने. इस प्रस्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई. सादर </p>
<p>आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, बहुत बढ़िया सरसी छंद पद लिखे हैं आपने. इस प्रस्तुति हेतु बहुत बहुत बधाई. सादर </p>