"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-41 - Open Books Online2024-03-29T00:35:23Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/41?commentId=5170231%3AComment%3A575880&feed=yes&xn_auth=noअतिसुन्दर आदरणीय....tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5764692014-09-20T18:31:02.872Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>अतिसुन्दर आदरणीय....</p>
<p>अतिसुन्दर आदरणीय....</p> आदरणीय खुर्शीद भाई, सचमुच आपक…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5766412014-09-20T18:30:41.035Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>आदरणीय खुर्शीद भाई, सचमुच आपकी प्रतिभा से हतप्रभ हूँ, पुन: बधाइयाँ </p>
<p>आदरणीय खुर्शीद भाई, सचमुच आपकी प्रतिभा से हतप्रभ हूँ, पुन: बधाइयाँ </p> आदरणीय अरुण भाईजी, सही कहूँ त…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5766402014-09-20T18:30:28.609ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय अरुण भाईजी, सही कहूँ तो मेरी आँखें आपकी ही आमद पर थीं. <br/>आपका किसी रूप में होना आयोजन की सफलता है. <br/>रचना आपको रुचिकर लगी, हृदय से आभार<br/>सादर<br/><br/></p>
<p>आदरणीय अरुण भाईजी, सही कहूँ तो मेरी आँखें आपकी ही आमद पर थीं. <br/>आपका किसी रूप में होना आयोजन की सफलता है. <br/>रचना आपको रुचिकर लगी, हृदय से आभार<br/>सादर<br/><br/></p> द्वितीय प्रस्तुति भी अच्छी लग…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5764682014-09-20T18:29:04.410ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>द्वितीय प्रस्तुति भी अच्छी लगी, बधाई आदरणीय।</p>
<p>द्वितीय प्रस्तुति भी अच्छी लगी, बधाई आदरणीय।</p> आदरणीय गिरिराजभाईजी, आपकी यह…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5765912014-09-20T18:28:21.215ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय गिरिराजभाईजी, आपकी यह सदाशयता ही है कि रचना को आप इतना मान दे रहे हैं.. <br/>सादर<br/><br/></p>
<p>आदरणीय गिरिराजभाईजी, आपकी यह सदाशयता ही है कि रचना को आप इतना मान दे रहे हैं.. <br/>सादर<br/><br/></p> प्रदत्त छन्द पर अब बात बनी,…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5767452014-09-20T18:28:15.311Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>प्रदत्त छन्द पर अब बात बनी, हार्दिक बधाइयाँ...............</p>
<p>प्रदत्त छन्द पर अब बात बनी, हार्दिक बधाइयाँ...............</p> यह प्रस्तुति भी अच्छी लगी, बध…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5764672014-09-20T18:27:47.588ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>यह प्रस्तुति भी अच्छी लगी, बधाई प्रेषित है आदरणीय गोपाल नारायण जी।</p>
<p>यह प्रस्तुति भी अच्छी लगी, बधाई प्रेषित है आदरणीय गोपाल नारायण जी।</p> आदरणीय डॉ.गोपाल नारायन श्रीवा…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5766392014-09-20T18:26:43.387Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>आदरणीय डॉ.गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी, शब्द और भाव की उत्कृष्टता मन को मोह रही है. बधाइयाँ........</p>
<p>आदरणीय डॉ.गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी, शब्द और भाव की उत्कृष्टता मन को मोह रही है. बधाइयाँ........</p> आदरणीया महेश्वरीजी, आज देहराद…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5767442014-09-20T18:25:16.371ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया महेश्वरीजी, आज देहरादून केकार्यक्रम में आपसे मुलाकात होना मेरे लिए भी अविस्मरणीय रहा. <br/>मैं भी देहरादून में कार्यक्रम के बाद आदरणीय बुद्धिनाथ मिश्रजी के साथ ऋषिकेश आ गया हूँ. यही के ’परमार्थ निकेतन’ में रात्रि विश्राम है. कल प्रातः देहरादून पहुँचूँगा.<br/><br/>आपको मेरा प्रयास रुचिकर लगा यह मेरे लिए भी आश्वस्ति है. <br/>सादर<br/><br/></p>
<p>आदरणीया महेश्वरीजी, आज देहरादून केकार्यक्रम में आपसे मुलाकात होना मेरे लिए भी अविस्मरणीय रहा. <br/>मैं भी देहरादून में कार्यक्रम के बाद आदरणीय बुद्धिनाथ मिश्रजी के साथ ऋषिकेश आ गया हूँ. यही के ’परमार्थ निकेतन’ में रात्रि विश्राम है. कल प्रातः देहरादून पहुँचूँगा.<br/><br/>आपको मेरा प्रयास रुचिकर लगा यह मेरे लिए भी आश्वस्ति है. <br/>सादर<br/><br/></p> आदरणीय अशोक रक्ताले साहब प्रद…tag:www.openbooksonline.com,2014-09-20:5170231:Comment:5767432014-09-20T18:24:46.602Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले साहब प्रदत्त चित्र को छन्द में खूबसूरती से उतारा है, मेरी बधाइयाँ........</p>
<p>आदरणीय अशोक रक्ताले साहब प्रदत्त चित्र को छन्द में खूबसूरती से उतारा है, मेरी बधाइयाँ........</p>