"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 - Open Books Online2024-03-29T07:10:09Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/143?commentId=5170231%3AComment%3A1101335&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=noआ. भाई अखिलेश जी, क्या यह अब…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11013362023-03-19T17:56:12.508Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अखिलेश जी, क्या यह अब ठीक है ?</p>
<p></p>
<p>जीवटता जो लिए कुटज सी, है वही समय से जीता ।<br/>हठी न जिसकी रही पिपासा, है उसका ही घट रीता ।।<br/>रामायण है साँस - साँस में, है साँस - साँस में गीता ।<br/>जिसने समझा सार उसी को, है जीवन अर्थ सुभीता ।।</p>
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<p>आ. भाई अखिलेश जी, क्या यह अब ठीक है ?</p>
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<p>जीवटता जो लिए कुटज सी, है वही समय से जीता ।<br/>हठी न जिसकी रही पिपासा, है उसका ही घट रीता ।।<br/>रामायण है साँस - साँस में, है साँस - साँस में गीता ।<br/>जिसने समझा सार उसी को, है जीवन अर्थ सुभीता ।।</p>
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<p></p> जी, सादर आभार।tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11011482023-03-19T17:47:23.919Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>जी, सादर आभार।</p>
<p>जी, सादर आभार।</p> हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.
tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11013352023-03-19T17:44:35.114ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.</p>
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<p>हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.</p>
<p></p> सादर
tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11011472023-03-19T17:43:48.985ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सादर</p>
<p></p>
<p>सादर</p>
<p></p> बात तो उचित है.
आप संशोधित रच…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11011462023-03-19T17:42:34.788ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>बात तो उचित है.</p>
<p>आप संशोधित रचना यहीं, इसी आयोजन में पोस्ट कर दें, आदरणीय.</p>
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<p>बात तो उचित है.</p>
<p>आप संशोधित रचना यहीं, इसी आयोजन में पोस्ट कर दें, आदरणीय.</p>
<p></p> अवश्य, आदरणीय.
tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11012332023-03-19T17:40:17.102ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>अवश्य, आदरणीय.</p>
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<p>अवश्य, आदरणीय.</p>
<p></p> लक्ष्मण भाई पिछले आयोजन में य…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11012322023-03-19T17:34:30.363Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://www.openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>लक्ष्मण भाई पिछले आयोजन में यही भूल मुझसे हुई थी। तो इस संबंध में थोड़ी जानकारी जुटाई थी। वो भी OBO के पूर्व की पोस्ट्स में आदरणीय सौरभ जी द्वारा ही वर्णित है।</p>
<p>16-14 के विन्यास में पदांत दो गुरु से हो तो कुकुभ छंद।</p>
<p>16-14 के विन्यास में पदांत तीन गुरु से हो तो ताटंक छंद।</p>
<p>अर्थात् छंद के कुकुभ में समायोजित करने के लिए चार में से कम से कम एक पद का अंत 122 से होना चाहिए।</p>
<p>शेष सौरभ जी कहेंगें।</p>
<p>लक्ष्मण भाई पिछले आयोजन में यही भूल मुझसे हुई थी। तो इस संबंध में थोड़ी जानकारी जुटाई थी। वो भी OBO के पूर्व की पोस्ट्स में आदरणीय सौरभ जी द्वारा ही वर्णित है।</p>
<p>16-14 के विन्यास में पदांत दो गुरु से हो तो कुकुभ छंद।</p>
<p>16-14 के विन्यास में पदांत तीन गुरु से हो तो ताटंक छंद।</p>
<p>अर्थात् छंद के कुकुभ में समायोजित करने के लिए चार में से कम से कम एक पद का अंत 122 से होना चाहिए।</p>
<p>शेष सौरभ जी कहेंगें।</p> आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11014322023-03-19T17:29:44.341Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p>
<p>आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।</p> रचना पर उपस्थिति तथा मूल्यवान…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11012312023-03-19T17:28:42.001Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://www.openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>रचना पर उपस्थिति तथा मूल्यवान सुझावों के लिए आपका अति आभार है सौरभ जी। आपका मार्गदर्शन तथा प्रशंसा सदा प्रेरक का काम करते हैं। पुनः आभार </p>
<p>रचना पर उपस्थिति तथा मूल्यवान सुझावों के लिए आपका अति आभार है सौरभ जी। आपका मार्गदर्शन तथा प्रशंसा सदा प्रेरक का काम करते हैं। पुनः आभार </p> आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी
रचना प…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-19:5170231:Comment:11014312023-03-19T17:28:22.896Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी</p>
<p>रचना पर उपस्तिथि और सराहना के लिये हार्दिक आभार। </p>
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी</p>
<p>रचना पर उपस्तिथि और सराहना के लिये हार्दिक आभार। </p>