ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 101 - Open Books Online2024-03-28T12:03:16Zhttp://www.openbooksonline.com/group/pop/forum/topics/101?commentId=5170231%3AComment%3A992699&feed=yes&xn_auth=noअधो वस्त्र तन पर नहीं एक है ।…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9925712019-09-22T17:47:12.545Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p><span>अधो वस्त्र तन पर नहीं एक है ।</span></p>
<p><span>अजब है मगर साण्ड भी नेक है ।।बहुत सुन्दर प्रदत्त चित्र पर बहुत खूबसूरत सृजन हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक जी</span></p>
<p><span>अधो वस्त्र तन पर नहीं एक है ।</span></p>
<p><span>अजब है मगर साण्ड भी नेक है ।।बहुत सुन्दर प्रदत्त चित्र पर बहुत खूबसूरत सृजन हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक जी</span></p> सराहना हेतु हृदय से आभार आदरण…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927652019-09-22T17:34:44.155ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी.</p>
<p>सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी.</p> आदरणीय भाई सतवींद्र कुमार जी…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9925692019-09-22T17:32:19.115ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय भाई सतवींद्र कुमार जी सादर, प्रदत्त चित्र प्र आपने सुन्दर तोमर छ्न्द रचे हैं हार्दिक बधाई स्वीकारें । सादर ।</p>
<p>आदरणीय भाई सतवींद्र कुमार जी सादर, प्रदत्त चित्र प्र आपने सुन्दर तोमर छ्न्द रचे हैं हार्दिक बधाई स्वीकारें । सादर ।</p> आपकी छंद प्रस्तुति सुन्दर है…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9928302019-09-22T17:28:13.551Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p> आपकी छंद प्रस्तुति सुन्दर है पर चित्र अनुसार नहीं है। बधाई आपको सहभागिता के लिये आदरणीय गजेन्द्र जी</p>
<p> आपकी छंद प्रस्तुति सुन्दर है पर चित्र अनुसार नहीं है। बधाई आपको सहभागिता के लिये आदरणीय गजेन्द्र जी</p> आदरणीय बागी जी सादर, आपसे प्र…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927032019-09-22T17:27:03.977ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय बागी जी सादर, आपसे प्रस्तुति पर सराहना पाकर रचना कर्म सार्थक हो गया है । आपका हृदयतल से आभार । सादर ।</p>
<p>आदरणीय बागी जी सादर, आपसे प्रस्तुति पर सराहना पाकर रचना कर्म सार्थक हो गया है । आपका हृदयतल से आभार । सादर ।</p> फ़कीरी दिखाती अलग ही चलन ।बिछा…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927642019-09-22T17:23:09.160Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p><span>फ़कीरी दिखाती अलग ही चलन ।</span><br/><span>बिछावन बना सांड का ही बदन ।।// वाह सुन्दर भाव हार्दिक बधाई इस सुन्दर प्रस्तुति पर आदरणीय बागी जी</span></p>
<p><span>फ़कीरी दिखाती अलग ही चलन ।</span><br/><span>बिछावन बना सांड का ही बदन ।।// वाह सुन्दर भाव हार्दिक बधाई इस सुन्दर प्रस्तुति पर आदरणीय बागी जी</span></p> आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927632019-09-22T17:22:52.132ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p style="text-align: left;">आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, लिखते लिखते कब पाँच छन्द हो गये पता ही न चला । आपके द्वारा इंगित पंक्ति में मैं कुछ और फेर बदल चाहता था किन्तु वह हो नहीं सका । इसलिये उसे ज्यों का त्यों रहने दिया । 'मत' एक पंक्ति में टंकीत नहीं हो सका है ।उसका खेद है । हार्दिक आभार । सादर ।</p>
<p style="text-align: left;">आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, लिखते लिखते कब पाँच छन्द हो गये पता ही न चला । आपके द्वारा इंगित पंक्ति में मैं कुछ और फेर बदल चाहता था किन्तु वह हो नहीं सका । इसलिये उसे ज्यों का त्यों रहने दिया । 'मत' एक पंक्ति में टंकीत नहीं हो सका है ।उसका खेद है । हार्दिक आभार । सादर ।</p> आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927022019-09-22T17:13:16.407ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी सादर, आपको मेरी प्रस्तुति चित्र अनुरूप लगी ।मेरा रचना कर्म सफल हुआ । हार्दिक आभार । सादर ।</p>
<p>आदरणीय भाई सत्यनारायण सिंह जी सादर, आपको मेरी प्रस्तुति चित्र अनुरूप लगी ।मेरा रचना कर्म सफल हुआ । हार्दिक आभार । सादर ।</p> आदरणीय गणेश बागीजी प्रस्तुति…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9927012019-09-22T17:09:49.117ZSatyanarayan Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/satyanarayanShivramSingh
<p>आदरणीय गणेश बागीजी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय सादर</p>
<p>आदरणीय गणेश बागीजी प्रस्तुति पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय सादर</p> तोमर छंद में अच्छी रचना हुई ह…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-22:5170231:Comment:9926992019-09-22T17:05:19.986ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>तोमर छंद में अच्छी रचना हुई है, ध्यान से देखिये आदरणीय सतविन्द्र जी नंदी (बैल) नहीं वो सांड है. </p>
<p>तोमर छंद में अच्छी रचना हुई है, ध्यान से देखिये आदरणीय सतविन्द्र जी नंदी (बैल) नहीं वो सांड है. </p>