भोजपुरी गजल -उठि के नारी सक्ति सकार कइलs - Open Books Online
2024-03-29T11:27:42Z
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अब बुझाइल तऽ, बाकिर रउआ वर्णि…
tag:www.openbooksonline.com,2016-10-25:5170231:Comment:810256
2016-10-25T11:06:29.440Z
Saurabh Pandey
http://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>अब बुझाइल तऽ, बाकिर रउआ वर्णिकता में छन्द आ गजल के विधान में घालमेल क रहल बानीं. कहवाँ (सही हिज्जे त ईहे होखे के चाहीं) के मात्रा ११२ ना हो के २२ होखी. असहीं जिनिगी के मात्रा ११२ ना होके २२ होखी. एही तरी, सिनुरा, पँउआ, मथवा, पतिया, कहलस, सुगना, चितवा, मनवा, सँसवा, उठि के एह सभ के मात्रा भार २२ होखी. बहर के मात्रा-भार वाचिक परम्परा के अनुसार होला. एही वाचिक परम्परा के अनुसार भोजपुरी भासा चलेले. </p>
<p></p>
<p>एह मंच पर गजल के लेके बहुत सुगढ़ आलेख बाड़न सऽ. रउआ से निहोरा बा, पहिले एक हाली रउआ…</p>
<p>अब बुझाइल तऽ, बाकिर रउआ वर्णिकता में छन्द आ गजल के विधान में घालमेल क रहल बानीं. कहवाँ (सही हिज्जे त ईहे होखे के चाहीं) के मात्रा ११२ ना हो के २२ होखी. असहीं जिनिगी के मात्रा ११२ ना होके २२ होखी. एही तरी, सिनुरा, पँउआ, मथवा, पतिया, कहलस, सुगना, चितवा, मनवा, सँसवा, उठि के एह सभ के मात्रा भार २२ होखी. बहर के मात्रा-भार वाचिक परम्परा के अनुसार होला. एही वाचिक परम्परा के अनुसार भोजपुरी भासा चलेले. </p>
<p></p>
<p>एह मंच पर गजल के लेके बहुत सुगढ़ आलेख बाड़न सऽ. रउआ से निहोरा बा, पहिले एक हाली रउआ उन्हनीं के देख जाईं. गजल के अभ्यास में आवत ढेर कठिनाई से निजात मिल जाई.. </p>
<p>जै जै </p>
<p></p>
आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी…
tag:www.openbooksonline.com,2016-10-25:5170231:Comment:810254
2016-10-25T10:54:58.049Z
PRAMOD SRIVASTAVA
http://www.openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
<p>आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, </p>
<p>क्षमा परथना कs संगे गल्ती सुधारल चाहत बानी। बह्र फइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन/फइलुन होई। फाइलातुन लिखा गइल रहल ह।दुसरके शेर कs पहिलके मिसरा में शब्द "अइसन" लिखा गइल बा ऊ "अइसने" होई।</p>
<p>फइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन/फइलुन </p>
<p>1 1 2 2 2 1 2 1 2 1 2 11/1111</p>
<p>कहँवा से/ आइ के/ जगार/ कइलs</p>
<p>जिनगी में/ साँइ से/ उजार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>जिनगी से/ अइसने/ करार/ कइलs</p>
<p>सिनुरा वी/रांगना/ पुछार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>पँउआ बढ़/त रहल…</p>
<p>आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, </p>
<p>क्षमा परथना कs संगे गल्ती सुधारल चाहत बानी। बह्र फइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन/फइलुन होई। फाइलातुन लिखा गइल रहल ह।दुसरके शेर कs पहिलके मिसरा में शब्द "अइसन" लिखा गइल बा ऊ "अइसने" होई।</p>
<p>फइलातुन फाइलुन फऊल फेलुन/फइलुन </p>
<p>1 1 2 2 2 1 2 1 2 1 2 11/1111</p>
<p>कहँवा से/ आइ के/ जगार/ कइलs</p>
<p>जिनगी में/ साँइ से/ उजार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>जिनगी से/ अइसने/ करार/ कइलs</p>
<p>सिनुरा वी/रांगना/ पुछार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>पँउआ बढ़/त रहल अ/धुना क/ चहला</p>
<p>मथवा सह/लाइ हो/सियार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>पतिया पँव/रि परदे/स से प/हुन का</p>
<p>कहलस की/ सोलहो /सिंगार/ कइल s</p>
<p></p>
<p>सुगना पठ/वत विदे/सिया प/हुनवा</p>
<p>चितवा चो/राइ बे/करार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>मनवा चह/त पिय री/ति मिलन/ करि के</p>
<p>सँसवा से/ साँस सो/हनार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>जिनगी खे/वात ना/ अँसुअन/ बहले </p>
<p>उठि के ना/री सक्ति /सकार/ कइलs</p>
<p></p>
<p>-प्रमोद श्रीवास्तव </p>
<p>सादर ।</p>
भाव पक्ष से सोझ एह गजल के शैल…
tag:www.openbooksonline.com,2016-10-24:5170231:Comment:810023
2016-10-24T05:22:50.222Z
Saurabh Pandey
http://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाव पक्ष से सोझ एह गजल के शैल्पिकता प हम रउआ से सहयोग चाहब. तनिका तक्तीह कऽ के बतावल जाव जे गजल के मिसरा कइसे सर्हियावल गइल बा. तब हम एक हाली फेरु से एह प्रस्तुति प आइब. </p>
<p>सादर</p>
<p></p>
<p>भाव पक्ष से सोझ एह गजल के शैल्पिकता प हम रउआ से सहयोग चाहब. तनिका तक्तीह कऽ के बतावल जाव जे गजल के मिसरा कइसे सर्हियावल गइल बा. तब हम एक हाली फेरु से एह प्रस्तुति प आइब. </p>
<p>सादर</p>
<p></p>
प्रस्तुति के अनुमोदन के लिए स…
tag:www.openbooksonline.com,2016-10-17:5170231:Comment:808779
2016-10-17T18:33:54.795Z
PRAMOD SRIVASTAVA
http://www.openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
<p>प्रस्तुति के अनुमोदन के लिए सादर आभार ।</p>
<p>प्रस्तुति के अनुमोदन के लिए सादर आभार ।</p>
आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी…
tag:www.openbooksonline.com,2016-10-17:5170231:Comment:808505
2016-10-17T15:32:55.873Z
PRAMOD SRIVASTAVA
http://www.openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
<p>आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, </p>
<p>राउर सनेह सीख सुझाव क आसरा निहारत ।</p>
<p>आदरणीय गुरूवर सौरभ पाण्डेय जी, </p>
<p>राउर सनेह सीख सुझाव क आसरा निहारत ।</p>