"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-93 - Open Books Online2024-03-29T14:05:46Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/93-1?id=5170231%3ATopic%3A938794&%3Bpage=13&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव महाउत्सव"अंक-93 को…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9402472018-07-14T18:26:41.753ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ लाइव महाउत्सव"अंक-93 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>"ओबीओ लाइव महाउत्सव"अंक-93 को सफल बनाने के लिए सभी रचनाकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> यही तो मैं पूछ रहा हूँ ।tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9401662018-07-14T18:11:21.351ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>यही तो मैं पूछ रहा हूँ ।</p>
<p>यही तो मैं पूछ रहा हूँ ।</p> जनाब भाई अखिलेश साहिब, ग़ज़ल…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9403322018-07-14T18:08:05.583ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब भाई अखिलेश साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब भाई अखिलेश साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> जनाब सतविंदर कुमार साहिब , ग़…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9404332018-07-14T18:07:08.357ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब सतविंदर कुमार साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब सतविंदर कुमार साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब ,…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9404322018-07-14T18:06:28.342ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |लफ्ज़ और किताब दोनों अरबी लफ्ज़ हैं , इज़ाफत न लगने की वजह बताने की ज़हमत कीजिए |</p>
<p>मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |लफ्ज़ और किताब दोनों अरबी लफ्ज़ हैं , इज़ाफत न लगने की वजह बताने की ज़हमत कीजिए |</p> जनाब भाई अशोक कुमार साहिब, ग़…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9402462018-07-14T18:03:28.623ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब भाई अशोक कुमार साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब भाई अशोक कुमार साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> जनाब भाई लक्ष्मण धा मी साहिब …tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9402452018-07-14T18:03:02.097ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब भाई लक्ष्मण धा मी साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p>
<p>जनाब भाई लक्ष्मण धा मी साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |</p> प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के ल…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9403312018-07-14T18:00:42.554ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए दिल से आभार आदरणीय आशीष श्रीवास्तव जी. सादर. </p>
<p>प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए दिल से आभार आदरणीय आशीष श्रीवास्तव जी. सादर. </p> आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब सादर…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9401652018-07-14T17:59:23.112ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत गीत पर उत्साहवर्धन और संक्षिप्त समीक्षा के लिए दिल से आभार आपका. सादर. </p>
<p>आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत गीत पर उत्साहवर्धन और संक्षिप्त समीक्षा के लिए दिल से आभार आपका. सादर. </p> आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-14:5170231:Comment:9401642018-07-14T17:57:51.599ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, आपको प्रस्तुत गीत अच्छा लगा. मेरा लेखन सार्थक हुआ. सादर आभार. </p>
<p>आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, आपको प्रस्तुत गीत अच्छा लगा. मेरा लेखन सार्थक हुआ. सादर आभार. </p>