"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-89 (विषय: बाज़ार) - Open Books Online2024-03-29T15:40:37Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/89-1?id=5170231%3ATopic%3A1088122&feed=yes&xn_auth=noआदरेया बबिता गुप्ता जी नमन, अ…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10891472022-08-31T18:29:24.842ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदरेया बबिता गुप्ता जी नमन, अच्छी लघुकथा आपने कही, मानवगत क्षुद्रता और ईर्ष्या को उकेरती कथा प्रेरणास्पद है! </p>
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<p>आदरेया बबिता गुप्ता जी नमन, अच्छी लघुकथा आपने कही, मानवगत क्षुद्रता और ईर्ष्या को उकेरती कथा प्रेरणास्पद है! </p>
<p></p> जी, शुक्रिया। श्रीगणेशोत्सव म…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10891462022-08-31T18:29:19.493ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>जी, शुक्रिया। श्रीगणेशोत्सव मनाते हुए नियमित सहभागी रचनाकारों के.साथ आज भी हमने बहुत कुछ साझा किया और सीखा। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। शुभरात्रि।</p>
<p>जी, शुक्रिया। श्रीगणेशोत्सव मनाते हुए नियमित सहभागी रचनाकारों के.साथ आज भी हमने बहुत कुछ साझा किया और सीखा। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। शुभरात्रि।</p> आ. लघुकथा का कालखण्ड सौ प्रति…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10891452022-08-31T18:25:32.319ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. लघुकथा का कालखण्ड सौ प्रतिशत समसामयिक है! टंकण की त्रुटि तो ' 'बहतायत' भी है! इति! </p>
<p>आ. लघुकथा का कालखण्ड सौ प्रतिशत समसामयिक है! टंकण की त्रुटि तो ' 'बहतायत' भी है! इति! </p> आ. मोहन बेगोवाल साहब, लघुकथा…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10891432022-08-31T18:20:50.194ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. मोहन बेगोवाल साहब, लघुकथा बाजार की अवधारणा पर आपका मत अधिक और कथानक नगण्य है ! मुझे क्षमा करें प्रस्तुति आलेख ज्यादा और लघुकथा कम लगी! </p>
<p>आ. मोहन बेगोवाल साहब, लघुकथा बाजार की अवधारणा पर आपका मत अधिक और कथानक नगण्य है ! मुझे क्षमा करें प्रस्तुति आलेख ज्यादा और लघुकथा कम लगी! </p> आदाब, तस्दीक अहमद साहब! समसाम…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10893282022-08-31T18:11:55.545ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदाब, तस्दीक अहमद साहब! समसामयिक विषय ' बाजार' को लेकर आपने अच्छी लघुकथा कही! लघुकथा समारोह में निरन्तर आपकी प्रस्तुति प्रेरणा दायक होगी, ऐसा मेरा मानना है! </p>
<p>आदाब, तस्दीक अहमद साहब! समसामयिक विषय ' बाजार' को लेकर आपने अच्छी लघुकथा कही! लघुकथा समारोह में निरन्तर आपकी प्रस्तुति प्रेरणा दायक होगी, ऐसा मेरा मानना है! </p> आ. मनन कुमार सिंह, गल्प कथानक…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10892302022-08-31T18:05:35.001ZChetan Prakashhttp://www.openbooksonline.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आ. मनन कुमार सिंह, गल्प कथानक का लघुकथा के लिए चुनाव लघुकथा के मर्म को ही मार डालता है! फिर उससे प्रेरणा की बात करना बेमानी होगी! धरातल की विश्वसनीयता लघुकथा का प्राण तत्व है, और रहेगा! </p>
<p>आ. मनन कुमार सिंह, गल्प कथानक का लघुकथा के लिए चुनाव लघुकथा के मर्म को ही मार डालता है! फिर उससे प्रेरणा की बात करना बेमानी होगी! धरातल की विश्वसनीयता लघुकथा का प्राण तत्व है, और रहेगा! </p> हार्दिक आभार। खास शैली जैसा त…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10893272022-08-31T17:57:38.803Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>हार्दिक आभार। खास शैली जैसा तो कुछ नहीं है। ये अवश्य है कि इस विषय को लेकर एक विचार जो दिमाग में चल रहा था उसको त्योहार की व्यस्तता में लघुकथा में ढालने में कुछ जल्द बाजी की ही कोशिश है ये। विषय तो बहुत बहुआयामी है</p>
<p>हार्दिक आभार। खास शैली जैसा तो कुछ नहीं है। ये अवश्य है कि इस विषय को लेकर एक विचार जो दिमाग में चल रहा था उसको त्योहार की व्यस्तता में लघुकथा में ढालने में कुछ जल्द बाजी की ही कोशिश है ये। विषय तो बहुत बहुआयामी है</p> सादर नमस्कार। विषयांतर्गत गुर…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10892282022-08-31T17:30:56.310ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p style="text-align: left;">सादर नमस्कार। विषयांतर्गत गुरुओं के बाज़ार/बाज़ारूपन पर करारा तंज/व्यंग्य और पीड़ितों की पीड़ा अभिव्यक्त करती बढ़िया लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।</p>
<p style="text-align: left;">/<span>काजू उनका पच्चीस साल का पोता है/</span></p>
<p style="text-align: left;"><span>/ जोशी जी को ..... के बारे में बताया/</span></p>
<p style="text-align: left;"><span>... ये विवरण वाले वाक्य मेरे विचार से किसी अन्य ऐसे रूप/शैली में भी कहीं किसी तरह समायोजित किये जा…</span></p>
<p style="text-align: left;">सादर नमस्कार। विषयांतर्गत गुरुओं के बाज़ार/बाज़ारूपन पर करारा तंज/व्यंग्य और पीड़ितों की पीड़ा अभिव्यक्त करती बढ़िया लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।</p>
<p style="text-align: left;">/<span>काजू उनका पच्चीस साल का पोता है/</span></p>
<p style="text-align: left;"><span>/ जोशी जी को ..... के बारे में बताया/</span></p>
<p style="text-align: left;"><span>... ये विवरण वाले वाक्य मेरे विचार से किसी अन्य ऐसे रूप/शैली में भी कहीं किसी तरह समायोजित किये जा सकते हैं, ताकि प्रवाह बेहतरीन हो सके मेरे विचार से। मेरी समझ से राय मात्र। शेष आपकी निजी शैली की बात है यह तो।</span></p> आदाब। आपको रचना पसंद आई। शुक्…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10893262022-08-31T17:19:31.206ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। आपको रचना पसंद आई। शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी.'मुसाफ़िर' जी।</p>
<p>आदाब। आपको रचना पसंद आई। शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी.'मुसाफ़िर' जी।</p> अपनी टिप्पणी और स्पष्ट करने ह…tag:www.openbooksonline.com,2022-08-31:5170231:Comment:10894102022-08-31T17:18:39.169ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>अपनी टिप्पणी और स्पष्ट करने हेतु शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब। यह हमारे लिए मार्गदर्शन ही है।</p>
<p>अपनी टिप्पणी और स्पष्ट करने हेतु शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब। यह हमारे लिए मार्गदर्शन ही है।</p>