करकट नर-कट - Open Books Online2024-03-29T07:11:29Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:802043?groupUrl=bhojpuri_sahitya&feed=yes&xn_auth=noअरे ना जी ना। इहा त मन मे जउन…tag:www.openbooksonline.com,2016-09-23:5170231:Comment:8026402016-09-23T10:17:55.699ZPRAMOD SRIVASTAVAhttp://www.openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
<p>अरे ना जी ना। इहा त मन मे जउन आवेला उहे खाँचि दियाला कागज पर ।छन्द विधान के बारे मे कबो सोचाइल ना। अब त पढ़े के पड़ी। रउआ के बहुते धन्यवाद अउर नमन।</p>
<p>अरे ना जी ना। इहा त मन मे जउन आवेला उहे खाँचि दियाला कागज पर ।छन्द विधान के बारे मे कबो सोचाइल ना। अब त पढ़े के पड़ी। रउआ के बहुते धन्यवाद अउर नमन।</p> काहें ना !
राउर उत्साह आ उछाह…tag:www.openbooksonline.com,2016-09-23:5170231:Comment:8025442016-09-23T08:10:51.327ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>काहें ना !</p>
<p>राउर उत्साह आ उछाह के नमन करत हम अतने निहोरा करब जे रउआ पढ़ीं.</p>
<p>हमरा बूझे से जतना असान आ हलुक रउआ लउक रहल बानीं ओतना हलुक रउआ होखबि ना. </p>
<p>छन्द आदि प लेख बाड़न सऽ. एही मंच प <strong>भारतीय छन्द विधान</strong> समूह में देखल जाव. माने-जाने लाएक कुछ भेंटा जरूरे जाई.</p>
<p>जै जै </p>
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<p>काहें ना !</p>
<p>राउर उत्साह आ उछाह के नमन करत हम अतने निहोरा करब जे रउआ पढ़ीं.</p>
<p>हमरा बूझे से जतना असान आ हलुक रउआ लउक रहल बानीं ओतना हलुक रउआ होखबि ना. </p>
<p>छन्द आदि प लेख बाड़न सऽ. एही मंच प <strong>भारतीय छन्द विधान</strong> समूह में देखल जाव. माने-जाने लाएक कुछ भेंटा जरूरे जाई.</p>
<p>जै जै </p>
<p></p> धन्यवाद सौरभ पाण्डेय जी।इसे…tag:www.openbooksonline.com,2016-09-23:5170231:Comment:8023362016-09-23T06:29:29.986ZPRAMOD SRIVASTAVAhttp://www.openbooksonline.com/profile/PRAMODSRIVASTAVA
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<p>धन्यवाद सौरभ पाण्डेय जी।इसे कुण्डलिया की श्रेणी मे नही रख सकते क्या, सादर।</p>
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<p>धन्यवाद सौरभ पाण्डेय जी।इसे कुण्डलिया की श्रेणी मे नही रख सकते क्या, सादर।</p> नीमन द्विपदी से हँसलोक करत एग…tag:www.openbooksonline.com,2016-09-22:5170231:Comment:8020652016-09-22T08:39:00.729ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>नीमन द्विपदी से हँसलोक करत एगो बेवस्थित रचाअ भइल बिया आदरणीय. दिल से बधाई सँकारीं. </p>
<p>जै जै </p>
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<p>नीमन द्विपदी से हँसलोक करत एगो बेवस्थित रचाअ भइल बिया आदरणीय. दिल से बधाई सँकारीं. </p>
<p>जै जै </p>
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