लोकार्पण कार्यक्रम समाचार पत्रों के आधार पर एक प्रतिवेदन - Open Books Online2024-03-29T08:37:07Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:738935?feed=yes&xn_auth=noआ० सतविन्द्र भाई जी, सादर प…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-25:5170231:Comment:7526152016-03-25T05:57:18.091Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://www.openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<div class="description" id="desc_5170231Comment751882"><div class="xg_user_generated"><p><span>आ० सतविन्द्र भाई जी, सादर प्रणाम! आप लोगों की सस्तुति एवं उत्साहवर्ध<span style="text-decoration: underline;">न से मैं</span> सफलता, प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</span></p>
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<div class="description" id="desc_5170231Comment751882"><div class="xg_user_generated"><p><span>आ० सतविन्द्र भाई जी, सादर प्रणाम! आप लोगों की सस्तुति एवं उत्साहवर्ध<span style="text-decoration: underline;">न से मैं</span> सफलता, प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</span></p>
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</div> इस अनुपम उपलब्धि के लिए हार्द…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-23:5170231:Comment:7524152016-03-23T13:17:17.882Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
इस अनुपम उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवम् इस पथ पर निरन्तर बढ़ते रहनेके लिए असीम शुभ कामनाएं आदरणीय केवल प्रसाद जी!
इस अनुपम उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवम् इस पथ पर निरन्तर बढ़ते रहनेके लिए असीम शुभ कामनाएं आदरणीय केवल प्रसाद जी! आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम!…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-21:5170231:Comment:7518822016-03-21T15:00:31.119Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://www.openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p><span>आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम! आपके इस स्नेह और उदारता पूर्ण अनुमोदन ने साहित्य को असीम ऊंचाईयां ही दी हैं. इस सफलता में मैं आप लोगों का प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</span></p>
<p><span>आ० सरना भाई जी, सादर प्रणाम! आपके इस स्नेह और उदारता पूर्ण अनुमोदन ने साहित्य को असीम ऊंचाईयां ही दी हैं. इस सफलता में मैं आप लोगों का प्यार और सहकार पाता हूं. जिसके लिये आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</span></p> आ० भाई केवल जी, आपको इस विशि…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-20:5170231:Comment:7517672016-03-20T14:36:23.648ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आ० भाई केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ।प्रभु से प्रार्थना है की आप आने वाले समय में ज्ञानाकाश में ध्रुवतारे से चमकें। मान शारदे की आप पर कृपा बनी रहे। सादर </p>
<p>आ० भाई केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ।प्रभु से प्रार्थना है की आप आने वाले समय में ज्ञानाकाश में ध्रुवतारे से चमकें। मान शारदे की आप पर कृपा बनी रहे। सादर </p> आ० लक्ष्मण भाई जी, आप लोगों क…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-20:5170231:Comment:7520082016-03-20T14:19:05.114Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://www.openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p>आ० लक्ष्मण भाई जी, आप लोगों के बीच रहकर ही यह उपलब्धि प्राप्त हो सकी है, जिसके आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p>आ० लक्ष्मण भाई जी, आप लोगों के बीच रहकर ही यह उपलब्धि प्राप्त हो सकी है, जिसके आप सभी बराबर के हकदार हैं. आपका स्नेह यूं ही बना रहे. आपका हार्दिक आभार. सादर</p> आ० भाई केवल जी, आपको इस विशि…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-17:5170231:Comment:7504672016-03-17T05:28:11.479Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ० भाई केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ l</p>
<p>आ० भाई केवल जी, आपको इस विशिष्ट उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएँ l</p> आपका स्नेह यूं ही बना रहे. बह…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-13:5170231:Comment:7501132016-03-13T15:53:11.467Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://www.openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p>आपका स्नेह यूं ही बना रहे. बहुत-बहुत आभार. सादर</p>
<p>आपका स्नेह यूं ही बना रहे. बहुत-बहुत आभार. सादर</p> आ० केवल जी , आपको एक बार फिर…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-10:5170231:Comment:7485182016-03-10T13:18:33.754Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
आ० केवल जी , आपको एक बार फिर से साधुवाद . आप जितनी सहजता से छन्दों में रचना कर रहे हैं उतना ही सरल और कोमल आपा व्यक्तित्व भी है . मेरे तो आप अनुज है ही . आपकी लगन और सक्रियता मुझे भी झकझोरती रहती है . आपके सफल कार्यक्रम की रिपोर्टिंग को लेकर मुझे कुछ शंका अवश्य थी किन्तु आ ० सौरभ जी के वक्तव्य से वह शंका भी जाती रही . आपका काव्य-पथ माँ शारदा प्रशस्त करती रहे . सादर .
आ० केवल जी , आपको एक बार फिर से साधुवाद . आप जितनी सहजता से छन्दों में रचना कर रहे हैं उतना ही सरल और कोमल आपा व्यक्तित्व भी है . मेरे तो आप अनुज है ही . आपकी लगन और सक्रियता मुझे भी झकझोरती रहती है . आपके सफल कार्यक्रम की रिपोर्टिंग को लेकर मुझे कुछ शंका अवश्य थी किन्तु आ ० सौरभ जी के वक्तव्य से वह शंका भी जाती रही . आपका काव्य-पथ माँ शारदा प्रशस्त करती रहे . सादर . शुभ-शुभ
tag:www.openbooksonline.com,2016-03-09:5170231:Comment:7482322016-03-09T08:29:12.734ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> आ० सौरभ सर जी, आपकी स्नेहिल…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-08:5170231:Comment:7477872016-03-08T13:05:42.896Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://www.openbooksonline.com/profile/kewalprasad
<p>आ० सौरभ सर जी, आपकी स्नेहिल आशीष एवं तदात्मभाव ने ही इस आयोजन को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाया यही नहीं अदृश्य शक्तियों ने भी आश्चर्यचकित करके वातावरण को ज्ञान-गंगा का छिडकाव करके पवित्र बनाये रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस पोस्ट पर आपका आशीर्वाद पाठकों को पूर्ण आश्वस्ति प्रदान करता है. आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
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<p>आ० सौरभ सर जी, आपकी स्नेहिल आशीष एवं तदात्मभाव ने ही इस आयोजन को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाया यही नहीं अदृश्य शक्तियों ने भी आश्चर्यचकित करके वातावरण को ज्ञान-गंगा का छिडकाव करके पवित्र बनाये रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस पोस्ट पर आपका आशीर्वाद पाठकों को पूर्ण आश्वस्ति प्रदान करता है. आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
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