श्री योगराज प्रभाकर जी बने ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम के "प्रधान संपादक" - Open Books Online2024-03-29T02:19:30Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:6077?commentId=5170231%3AComment%3A6134&feed=yes&xn_auth=noबधाईtag:www.openbooksonline.com,2010-10-12:5170231:Comment:267602010-10-12T17:22:24.760ZDEEP ZIRVIhttp://www.openbooksonline.com/profile/DEEPZIRVI
बधाई
बधाई योगराज जी,
आदाब,
संपादक पद पर…tag:www.openbooksonline.com,2010-10-02:5170231:Comment:244222010-10-02T20:51:22.422ZShamshad Elahee Ansari "Shams"http://www.openbooksonline.com/profile/ShamshadElaheeAnsariShams
योगराज जी,<br />
आदाब,<br />
संपादक पद पर आपका पदार्पण महीमा पूर्ण है दोनों की ही ख्याति होगी. स्तरीय सृजन,सांप्रदायिक सद्भाव और जनवादी स्वरों को पहचान मिलेगी, कविता कहना बहुत आसान है लेकिन क्या कहना चाहिये, कथा वस्तु क्या हो? कवि के सरोकार क्या हों? प्रेम प्रसंगों की सुरमई दुनिया से बाहर जो बदसूरत, बदबूदार यथार्थ बिखरा पडा है उसे संभालना भी जरुरी है..आप यह सब जानते हैं, पारंगत हैं..नये रचनाकर्मियों को नया रचना धर्म देना होगा..नये सिरे से आपको तिलक करना होगा..देखने में आसान है पर बडा कठिन कार्य है, आपने…
योगराज जी,<br />
आदाब,<br />
संपादक पद पर आपका पदार्पण महीमा पूर्ण है दोनों की ही ख्याति होगी. स्तरीय सृजन,सांप्रदायिक सद्भाव और जनवादी स्वरों को पहचान मिलेगी, कविता कहना बहुत आसान है लेकिन क्या कहना चाहिये, कथा वस्तु क्या हो? कवि के सरोकार क्या हों? प्रेम प्रसंगों की सुरमई दुनिया से बाहर जो बदसूरत, बदबूदार यथार्थ बिखरा पडा है उसे संभालना भी जरुरी है..आप यह सब जानते हैं, पारंगत हैं..नये रचनाकर्मियों को नया रचना धर्म देना होगा..नये सिरे से आपको तिलक करना होगा..देखने में आसान है पर बडा कठिन कार्य है, आपने स्वीकार किया है, मुझे खुशी है..सरोकारों की आग अब और धधकेगी...हम भी वक्त वक्त पर फ़ूँक मारते रहेंगे..आग जली रहे..दहकती रहे...आपका साथ और सानिद्ध्य बना रहे..आमीन<br />
आदाब श्री प्रभाकर जी को हार्दिक बध…tag:www.openbooksonline.com,2010-09-29:5170231:Comment:235382010-09-29T09:06:20.538ZAbhinav Arunhttp://www.openbooksonline.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
श्री प्रभाकर जी को हार्दिक बधाई ! उम्मीद है की आपके नेतृत्व में ओ.बी.ओ. खूब तरक्की करेगा .मैं ओ.बी.ओ. से जुड़कर काफी खुश किस्मत मान रह हूँ खुदको . व्यस्त दौर में कुछ पढने - लिखने को नया मंच मिला .
श्री प्रभाकर जी को हार्दिक बधाई ! उम्मीद है की आपके नेतृत्व में ओ.बी.ओ. खूब तरक्की करेगा .मैं ओ.बी.ओ. से जुड़कर काफी खुश किस्मत मान रह हूँ खुदको . व्यस्त दौर में कुछ पढने - लिखने को नया मंच मिला . Thank you so very much Ashish…tag:www.openbooksonline.com,2010-09-28:5170231:Comment:233672010-09-28T09:38:33.367Zयोगराज प्रभाकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
Thank you so very much Ashish jee,
Thank you so very much Ashish jee, Aadarniy prabhakar ji ko prad…tag:www.openbooksonline.com,2010-09-28:5170231:Comment:233622010-09-28T08:27:33.362Zआशीष यादवhttp://www.openbooksonline.com/profile/Ashishyadav
Aadarniy prabhakar ji ko pradhan sampadak banane pr hardik badhai.
Aadarniy prabhakar ji ko pradhan sampadak banane pr hardik badhai. दादी माँ, आपका आशीर्वाद मिला,…tag:www.openbooksonline.com,2010-09-28:5170231:Comment:233402010-09-28T04:38:49.340Zयोगराज प्रभाकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
दादी माँ, आपका आशीर्वाद मिला, मैं कृतार्थ हुआ ! दिल से आभार !
दादी माँ, आपका आशीर्वाद मिला, मैं कृतार्थ हुआ ! दिल से आभार ! श्री योगराज प्रभाकर सुपुत्र
च…tag:www.openbooksonline.com,2010-09-28:5170231:Comment:233392010-09-28T04:20:23.339Zguddo dadihttp://www.openbooksonline.com/profile/guddodadi
श्री योगराज प्रभाकर सुपुत्र<br />
चिरंजीव भवः<br />
बधाई वा शुभ मंगल कामनाएँ<br />
आपकी गुड्डो दादी चिकागो से
श्री योगराज प्रभाकर सुपुत्र<br />
चिरंजीव भवः<br />
बधाई वा शुभ मंगल कामनाएँ<br />
आपकी गुड्डो दादी चिकागो से शुभ कामनाएं एवं बधाईtag:www.openbooksonline.com,2010-09-22:5170231:Comment:222762010-09-22T15:52:33.276ZArvind Chaudharihttp://www.openbooksonline.com/profile/ArvindChaudhari
शुभ कामनाएं एवं बधाई
शुभ कामनाएं एवं बधाई शुभ कामनाएं एवं बधाईtag:www.openbooksonline.com,2010-07-09:5170231:Comment:95092010-07-09T20:40:30.509Zguddo dadihttp://www.openbooksonline.com/profile/guddodadi
शुभ कामनाएं एवं बधाई
शुभ कामनाएं एवं बधाई सभी साथियों का तह-ए-दिल से शु…tag:www.openbooksonline.com,2010-07-09:5170231:Comment:93882010-07-09T08:52:01.388Zयोगराज प्रभाकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
सभी साथियों का तह-ए-दिल से शुक्रिया !
सभी साथियों का तह-ए-दिल से शुक्रिया !