चोका - Open Books Online2024-03-29T06:31:50Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:454620?groupUrl=chhand&commentId=5170231%3AComment%3A467102&x=1&feed=yes&xn_auth=noजी, यहाँ गिनने में मुझसे गलती…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-06:5170231:Comment:4671022013-11-06T04:03:47.792Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>जी, यहाँ गिनने में मुझसे गलती हुई. आप सही हैं.</p>
<p>अपने जो संशोधन किया है, वो सही है.</p>
<p></p>
<p>जी, यहाँ गिनने में मुझसे गलती हुई. आप सही हैं.</p>
<p>अपने जो संशोधन किया है, वो सही है.</p>
<p></p> एक की इच्छा
एक = 2 की = 1 इ…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-06:5170231:Comment:4673492013-11-06T01:08:14.815Zvibha rani shrivastavahttp://www.openbooksonline.com/profile/vibharanishrivastava
<p><span>एक की इच्छा </span></p>
<p><span><span>एक = 2 की = 1 इच्छा = = 2 </span></span></p>
<p>क्यूँ कि आधे वर्ण नहीं गिने जाते हैं .... ??<br/><span>बड़ा बनना था/</span></p>
<p>बड़ा ही बनना था … ??</p>
<p><span>एक की इच्छा </span></p>
<p><span><span>एक = 2 की = 1 इच्छा = = 2 </span></span></p>
<p>क्यूँ कि आधे वर्ण नहीं गिने जाते हैं .... ??<br/><span>बड़ा बनना था/</span></p>
<p>बड़ा ही बनना था … ??</p> जी गलती हुई है सुधारने की कोश…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-06:5170231:Comment:4671742013-11-06T00:59:41.248Zvibha rani shrivastavahttp://www.openbooksonline.com/profile/vibharanishrivastava
<p>जी<br/> गलती हुई है <br/>सुधारने की कोशिश करुँगी<br/>शुक्रिया और आभार आप लोगो का</p>
<p>जी<br/> गलती हुई है <br/>सुधारने की कोशिश करुँगी<br/>शुक्रिया और आभार आप लोगो का</p> जी गलती हुई है सुधारने की कोश…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-06:5170231:Comment:4671712013-11-06T00:59:19.367Zvibha rani shrivastavahttp://www.openbooksonline.com/profile/vibharanishrivastava
<p>जी<br/> गलती हुई है <br/>सुधारने की कोशिश करुँगी<br/>शुक्रिया और आभार आप लोगो का</p>
<p>जी<br/> गलती हुई है <br/>सुधारने की कोशिश करुँगी<br/>शुक्रिया और आभार आप लोगो का</p> आदरणीया विभा जी इस प्रयास के…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-05:5170231:Comment:4670972013-11-05T18:32:28.504Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीया विभा जी इस प्रयास के लिए आपको बहुत- बहुत बधाई! रचना बहुत सुन्दर है! कहीं- कहीं वर्ण संख्या कम ज्यादा हैं.</p>
<p><span>जैसे- //एक की इच्छा</span><br/><span>बड़ा बनना था//</span></p>
<p>इन दोनों पंक्तियों में ६, ६ वर्ण हैं, जबकि ५, ७ की संख्या होनी चाहिए.</p>
<p>सादर!</p>
<p>आदरणीया विभा जी इस प्रयास के लिए आपको बहुत- बहुत बधाई! रचना बहुत सुन्दर है! कहीं- कहीं वर्ण संख्या कम ज्यादा हैं.</p>
<p><span>जैसे- //एक की इच्छा</span><br/><span>बड़ा बनना था//</span></p>
<p>इन दोनों पंक्तियों में ६, ६ वर्ण हैं, जबकि ५, ७ की संख्या होनी चाहिए.</p>
<p>सादर!</p> सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया विभा…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-05:5170231:Comment:4670922013-11-05T18:30:14.200Zram shiromani pathakhttp://www.openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया विभा जी ।बहुत बहुत बधाई आपको। फिर भी एक बार पुनः देख लें।</p>
<p>सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया विभा जी ।बहुत बहुत बधाई आपको। फिर भी एक बार पुनः देख लें।</p> चोका मेरी भी कुछ कमी हो तो बत…tag:www.openbooksonline.com,2013-11-05:5170231:Comment:4673092013-11-05T12:22:59.467Zvibha rani shrivastavahttp://www.openbooksonline.com/profile/vibharanishrivastava
<p>चोका मेरी भी कुछ कमी हो तो बताने का कष्ट करें....</p>
<p></p>
<p>इक कहानी<br></br>चार दीप थे दोस्त<br></br>फुसफुसाते<br></br>गप्प में मशगुल<br></br><br></br></p>
<p>एक की इच्छा<br></br>बड़ा बनना था<br></br>मायूस रोया<br></br>ना था वो सुन्दर<br></br>छोटा दीया था<br></br>आकर्षक नहीं था<br></br><br></br></p>
<p>दूजे आकांक्षा<br></br>भव्य मूर्ति बनना<br></br>शोभा बढ़ाना<br></br>अमीर घर सज्जा<br></br>ना जा सका वो<br></br>आलिशान भवन<br></br>हुआ हवन<br></br><br></br></p>
<p>तीजे महोत्वाकांक्षा<br></br>पैसे का प्यासा<br></br>गुल्लक तो बनता<br></br>भरा रहता<br></br>खनक सुनता वो<br></br>चांदी सोने…</p>
<p>चोका मेरी भी कुछ कमी हो तो बताने का कष्ट करें....</p>
<p></p>
<p>इक कहानी<br/>चार दीप थे दोस्त<br/>फुसफुसाते<br/>गप्प में मशगुल<br/><br/></p>
<p>एक की इच्छा<br/>बड़ा बनना था<br/>मायूस रोया<br/>ना था वो सुन्दर<br/>छोटा दीया था<br/>आकर्षक नहीं था<br/><br/></p>
<p>दूजे आकांक्षा<br/>भव्य मूर्ति बनना<br/>शोभा बढ़ाना<br/>अमीर घर सज्जा<br/>ना जा सका वो<br/>आलिशान भवन<br/>हुआ हवन<br/><br/></p>
<p>तीजे महोत्वाकांक्षा<br/>पैसे का प्यासा<br/>गुल्लक तो बनता<br/>भरा रहता<br/>खनक सुनता वो<br/>चांदी सोने की<br/>न यंत्रणा सहता<br/>आकंठ डूबा<br/><br/></p>
<p>बातें सुन रहा था<br/>चौथा दीपक<br/>संयमी विनम्र था<br/>हँसता हुआ<br/>वो आया बोला<br/>आपको बताता हूँ<br/>राज की बात<br/>एक छूटा तो<br/> सब ना रूठा सोचो<br/>साथ ईश का <br/>हमें जगह मिली<br/> पूजा घर में<br/>तम हराए<br/> उजास फैला हम<br/> दीपो का पर्व<br/>सब करे खरीदारी<br/> दीवाली आई<br/>राह दिखाने वाला <br/>चिराग बने<br/>रोने वाला चिराग<br/> हम क्यूँ रहें सदा<br/>~~<br/><br/>2</p>
<p><br/><span>चोका [५७५७५७५७५७५७ ...५७७ ].</span><br/><br/><span>राहगीर था</span><br/><span>राह बढ़ता गया</span><br/><span>कुआँ में झाँका</span><br/><span>था मनोरोगी सोचा</span><br/><span>सुधांशु डूबा</span><br/><span>डाले रस्सी में फंसा</span><br/><span>चट्टान भारी</span><br/><span>जोरा-जोरी में गिरा</span><br/><span>नजरें उठा </span><br/><span> सिर चोट मिटाया</span><br/><span>शशांक मिला</span><br/><span>नभ में चमकता</span><br/><span>नज़र आया</span><br/><span>चिल्लाया बचा लिया</span><br/><span>ख़ुशी से झूमा नाचा</span><br/><br/><span>~~</span></p> आदरणीय रमेश जी आपका हार्दिक आ…tag:www.openbooksonline.com,2013-10-14:5170231:Comment:4545852013-10-14T11:04:17.392Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय रमेश जी आपका हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय रमेश जी आपका हार्दिक आभार!</p> हाइकू के बड़े भाई चोका से साक्…tag:www.openbooksonline.com,2013-10-14:5170231:Comment:4546882013-10-14T09:14:22.321Zरमेश कुमार चौहानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Rameshkumarchauhan
हाइकू के बड़े भाई चोका से साक्षात्कार कराने के लिये बॄजेशजी आपको साधुवाद
हाइकू के बड़े भाई चोका से साक्षात्कार कराने के लिये बॄजेशजी आपको साधुवाद आदरणीय गिरिराज जी, मैंने अपनी…tag:www.openbooksonline.com,2013-10-14:5170231:Comment:4544732013-10-14T08:27:53.653Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय गिरिराज जी, मैंने अपनी जानकारी भर अपना पक्ष रखने का प्रयास किया है. मेरा प्रयास ये है कि इन नयी विधाओं पर चर्चा हो जिससे कि इस मंच के सदस्यों के लिए उन पर कार्य करना सुगम हो सके!</p>
<p>आदरणीय गिरिराज जी, मैंने अपनी जानकारी भर अपना पक्ष रखने का प्रयास किया है. मेरा प्रयास ये है कि इन नयी विधाओं पर चर्चा हो जिससे कि इस मंच के सदस्यों के लिए उन पर कार्य करना सुगम हो सके!</p>