बात जवन भुलाला ना ( शिक्षक दिवस पर विशेष ) - Open Books Online2024-03-28T14:45:06Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:268649?groupUrl=bhojpuri_sahitya&commentId=5170231%3AComment%3A268501&x=1&feed=yes&xn_auth=noसचकीऽऽऽ.. संस्कृत के माहटर स…tag:www.openbooksonline.com,2012-09-05:5170231:Comment:2685012012-09-05T16:42:19.160ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>सचकीऽऽऽ.. संस्कृत के माहटर साहेब गुरुए जी कहासु. .. <strong>:-)))))</strong></p>
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<p>सचकीऽऽऽ.. संस्कृत के माहटर साहेब गुरुए जी कहासु. .. <strong>:-)))))</strong></p>
<p></p> सही कहनी हां, हमनी के वोह घरी…tag:www.openbooksonline.com,2012-09-05:5170231:Comment:2687382012-09-05T16:27:39.861ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सही कहनी हां, हमनी के वोह घरी(कक्षा ५ तक) अचार (आचार्य) जी कही जा अउर प्रधानाचार्य जी के बड़े अचार जी, वोकर बाद माट साहेब कहाए लागल लोग तनी अउर बड़ भईनी जा त मास्टर साहब पर ना जाने काहे संस्कृत <span id="7_TRN_1l">वाले टीचर जी हर समय गुरुए जी कहासु :-)</span></p>
<p>सही कहनी हां, हमनी के वोह घरी(कक्षा ५ तक) अचार (आचार्य) जी कही जा अउर प्रधानाचार्य जी के बड़े अचार जी, वोकर बाद माट साहेब कहाए लागल लोग तनी अउर बड़ भईनी जा त मास्टर साहब पर ना जाने काहे संस्कृत <span id="7_TRN_1l">वाले टीचर जी हर समय गुरुए जी कहासु :-)</span></p> गणेश भाई, हमनी के जवार के भाष…tag:www.openbooksonline.com,2012-09-05:5170231:Comment:2684982012-09-05T16:16:42.216ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>गणेश भाई, हमनी के जवार के भाषा में <em>शिक्षक</em> शब्द आम जन के बोलाचाली में बुला बहुत्ते (बहुत ही) बाद में आइल. भा, सोझ कहीं त, हिन्दी भाषा के कारने आइल. ना त बेसिको इस्कूल में पढ़ावे आला अमदी गुरुजी कहात रहे. हम लइकाईं में गँउवा के मास्टर साहब के गुरु जी कहीं, आ ऊ मास्टर साहेब के सँहतिया भा समउमरी लोग सोझ मास्टर कहे. माने गुरुजी शब्द हाल ले हमनी के बोली में रहे आ आदरसूचक शब्द रहे.</p>
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<p>गणेश भाई, हमनी के जवार के भाषा में <em>शिक्षक</em> शब्द आम जन के बोलाचाली में बुला बहुत्ते (बहुत ही) बाद में आइल. भा, सोझ कहीं त, हिन्दी भाषा के कारने आइल. ना त बेसिको इस्कूल में पढ़ावे आला अमदी गुरुजी कहात रहे. हम लइकाईं में गँउवा के मास्टर साहब के गुरु जी कहीं, आ ऊ मास्टर साहेब के सँहतिया भा समउमरी लोग सोझ मास्टर कहे. माने गुरुजी शब्द हाल ले हमनी के बोली में रहे आ आदरसूचक शब्द रहे.</p>
<p></p> बहुत बहुत आभार भईया, इ घटना ब…tag:www.openbooksonline.com,2012-09-05:5170231:Comment:2687202012-09-05T14:23:46.199ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>बहुत बहुत आभार भईया, इ घटना बहुत बार सोचनी कि साझा करी, पर कवनो ना कवनो बहाना ना हो पावत रहे, आज हम अपना के ना रोक पवनी, त्रुटी के सुधार कर दिहले बानी एक बार औरो रौआ एह बात के बतवले रहनी, पर फेनु उहे भूल हो गइल रहे, क्षमा चाहेब |</p>
<p>बहुत बहुत आभार भईया, इ घटना बहुत बार सोचनी कि साझा करी, पर कवनो ना कवनो बहाना ना हो पावत रहे, आज हम अपना के ना रोक पवनी, त्रुटी के सुधार कर दिहले बानी एक बार औरो रौआ एह बात के बतवले रहनी, पर फेनु उहे भूल हो गइल रहे, क्षमा चाहेब |</p> संस्मरण के पोथी से अइसना पन्न…tag:www.openbooksonline.com,2012-09-05:5170231:Comment:2688092012-09-05T12:32:26.129ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>संस्मरण के पोथी से अइसना पन्ना के काढ़ल मन के भेंइ गइल, भाई गणेशजी. सही कहल बा, जवन जिनिगी के लइकाईं में हमनी का सपना अस सोचत रहनीं जा, ऊ जिनिगी के जीये में कातना पेरासन बा, ई अब बुझाता. अपना गुरुजी लोगन के इयाद क के मन स्रधा से नत हो जाला.</p>
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<p><strong>एगो बात :</strong> भोजपुरी में ’भी’ आ ’ही’ के प्रयोग नत कइल करीं. जतना बाँचल जाव ओतने नीमन. जवना शब्द के पाछा ’भी’ आवे के होखे ओह शब्द के अंतिम अक्षर में ओ के मात्रा लगा दीहल करीं. जइसे, <em>उहा के भी’</em> के <strong>उहों…</strong></p>
<p>संस्मरण के पोथी से अइसना पन्ना के काढ़ल मन के भेंइ गइल, भाई गणेशजी. सही कहल बा, जवन जिनिगी के लइकाईं में हमनी का सपना अस सोचत रहनीं जा, ऊ जिनिगी के जीये में कातना पेरासन बा, ई अब बुझाता. अपना गुरुजी लोगन के इयाद क के मन स्रधा से नत हो जाला.</p>
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<p><strong>एगो बात :</strong> भोजपुरी में ’भी’ आ ’ही’ के प्रयोग नत कइल करीं. जतना बाँचल जाव ओतने नीमन. जवना शब्द के पाछा ’भी’ आवे के होखे ओह शब्द के अंतिम अक्षर में ओ के मात्रा लगा दीहल करीं. जइसे, <em>उहा के भी’</em> के <strong>उहों के</strong> कइल जा सकेला. चाहे <em>वोह दिन भी </em> के <strong>उहो दिने</strong> के प्रयोग होला. आदि-आदि..</p>
<p>एह पोस्ट खातिर बधाई. भोजपुरी मंच के उजियार राखल जाव.</p>