संयुक्त अक्षरों की मात्रा गणना (आदरणीय संजीव वर्मा 'सलिल' जी से वार्तालाप के आधार पर ) - Open Books Online2024-03-28T18:37:39Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:236729?groupUrl=hindi_ki_kaksha&groupId=5170231%3AGroup%3A99531&id=5170231%3ATopic%3A236729&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय सौरभ जी और आदरणीय सुनी…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-05:5170231:Comment:6950962015-09-05T12:12:59.698ZDr.Prachi Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आदरणीय सौरभ जी और आदरणीय सुनील जी </p>
<p>क्ष त्र व ज्ञ की मात्रा गणना सामान ही होती है.... ये आलेख तो लगभग तीन साल पहले का है, जिसमें मैं ये संशोधन नहीं कर सकी. इस त्रुटी की तरफ इंगित करने के लिए सुनील जी का व संशोधन करने के लिए आ० सौरभ जी का हार्दिक धन्यवाद </p>
<p>सादर </p>
<p>आदरणीय सौरभ जी और आदरणीय सुनील जी </p>
<p>क्ष त्र व ज्ञ की मात्रा गणना सामान ही होती है.... ये आलेख तो लगभग तीन साल पहले का है, जिसमें मैं ये संशोधन नहीं कर सकी. इस त्रुटी की तरफ इंगित करने के लिए सुनील जी का व संशोधन करने के लिए आ० सौरभ जी का हार्दिक धन्यवाद </p>
<p>सादर </p> धन्यवाद आदरणीय सौरभ सर जी, इस…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6949532015-09-04T19:00:03.298Zshree suneelhttp://www.openbooksonline.com/profile/shreesuneel
धन्यवाद आदरणीय सौरभ सर जी, इस मार्गदर्शन और आलेख में संशोधन के लिये. सादर आभार.
धन्यवाद आदरणीय सौरभ सर जी, इस मार्गदर्शन और आलेख में संशोधन के लिये. सादर आभार. आदरणीय श्री सुनीलजी, आलेख मे…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6948852015-09-04T17:18:46.400ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय श्री सुनीलजी, आलेख में भी यथानुरूप संशोधन हो गया है. </p>
<p>इस सहयोग केलिए सादर आभार</p>
<p></p>
<p>आदरणीय श्री सुनीलजी, आलेख में भी यथानुरूप संशोधन हो गया है. </p>
<p>इस सहयोग केलिए सादर आभार</p>
<p></p> आदरणीय श्री सुनीलजी, जैसा कि…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6948812015-09-04T16:45:51.145ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय श्री सुनीलजी, जैसा कि आपको भी ज्ञात है, त्र की मात्रा १ ही होगी. आलेख में यह दोष है. यह संयुक्ताक्षर होने से सारे नियम तदनुरूप होंगे. वस्तुतः आदरणीया प्राचीजी का यह लेख तबका है जब वे मात्रिकता सीख रही थीं. यह इस लेख में लिखा भी गया है कि उन्होंने जैसा सीखा वैसा ही प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. लेकिन अबतक अभ्यास से उन्हें भी यह ज्ञात हो चुका है कि त्र भी क्ष और ज्ञ की तरह ही संयुक्ताक्षर हैं. यह अवश्य है कि इस लेख में आवश्यकतानुसार संशोधन हो जाना था जो कि नहीं हो पाया…</p>
<p>आदरणीय श्री सुनीलजी, जैसा कि आपको भी ज्ञात है, त्र की मात्रा १ ही होगी. आलेख में यह दोष है. यह संयुक्ताक्षर होने से सारे नियम तदनुरूप होंगे. वस्तुतः आदरणीया प्राचीजी का यह लेख तबका है जब वे मात्रिकता सीख रही थीं. यह इस लेख में लिखा भी गया है कि उन्होंने जैसा सीखा वैसा ही प्रस्तुत करने का प्रयास किया है. लेकिन अबतक अभ्यास से उन्हें भी यह ज्ञात हो चुका है कि त्र भी क्ष और ज्ञ की तरह ही संयुक्ताक्षर हैं. यह अवश्य है कि इस लेख में आवश्यकतानुसार संशोधन हो जाना था जो कि नहीं हो पाया है. </p>
<p>इस दोष का निराकरण आपके माध्यम से होना था, आदरणीय.</p>
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<p>सादर</p>
<p></p> आदरणीय सौरभ सर जी, ये पृष्ठ द…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6951362015-09-04T16:11:17.405Zshree suneelhttp://www.openbooksonline.com/profile/shreesuneel
आदरणीय सौरभ सर जी, ये पृष्ठ दिख गया तो एक बार फिर उस चर्चा पे आना चाहूँगा कि 'त्र' की मात्रा क्या होगी? जैसा कि यहाँ दिया गया है त्र' की मात्रा 2होगी. यानि 'पत्र' की मात्रा 12.पात्र 22. तो 'मित्र' की 12 या 21. कृपया इस पोस्ट के हवाले से पुनः इसपे रौशनी डालें आदरणीय. सादर.
आदरणीय सौरभ सर जी, ये पृष्ठ दिख गया तो एक बार फिर उस चर्चा पे आना चाहूँगा कि 'त्र' की मात्रा क्या होगी? जैसा कि यहाँ दिया गया है त्र' की मात्रा 2होगी. यानि 'पत्र' की मात्रा 12.पात्र 22. तो 'मित्र' की 12 या 21. कृपया इस पोस्ट के हवाले से पुनः इसपे रौशनी डालें आदरणीय. सादर. आदरणीय सुशील सरनाजी, चलिये बा…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6949342015-09-04T14:44:24.727ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, चलिये बात स्पष्ट हो गयी. वैसे, प्रयास् यह रहे कि जब भी किसी का उद्धरण हम दें तो उसका नाम अवश्य दिया करें ताकि पता रहे कि किसने क्या किस संदर्भ में कहा है. क्योंकि कई बाते एक पहलू में गलत होती हैं तो दूसरे संदर्भ में सही होती हैं. या वाइसवर्सा. </p>
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<p>आपको जिसने भी सृष्टि या वृष्टि की मात्रा ४ बतायी है वह एक तरीके से गलत भी नहीं है. क्योंकि ये या ऐसे शब्द तत्सम शब्दों की श्रेणी में आते हैं. इनका छन्दों में या हिन्दी गेय रचनाओं में प्रयोग हो तो इनकी मात्रा ३ ही…</p>
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, चलिये बात स्पष्ट हो गयी. वैसे, प्रयास् यह रहे कि जब भी किसी का उद्धरण हम दें तो उसका नाम अवश्य दिया करें ताकि पता रहे कि किसने क्या किस संदर्भ में कहा है. क्योंकि कई बाते एक पहलू में गलत होती हैं तो दूसरे संदर्भ में सही होती हैं. या वाइसवर्सा. </p>
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<p>आपको जिसने भी सृष्टि या वृष्टि की मात्रा ४ बतायी है वह एक तरीके से गलत भी नहीं है. क्योंकि ये या ऐसे शब्द तत्सम शब्दों की श्रेणी में आते हैं. इनका छन्दों में या हिन्दी गेय रचनाओं में प्रयोग हो तो इनकी मात्रा ३ ही होगी. लेकिन यही या ऐसे शब्द यदि उर्दू ग़ज़लों में प्रयुक्त होंगे तो इनका वज़न ४ हो जाता है. कारण यह है कि उर्दू में उच्चारण के लिहाज से शब्दों के अंत में आये ह्रस्व ’इ’ या ह्रस्व ’उ’ आदि का प्रयोग नहीं होता. बल्कि वे दीर्घ ’ई’ या दीर्घ ’ऊ’ की तरह उच्चारित होते हैं. अर्थात ऐसे शब्दों का उच्चारण ’सृष्टी’ या ’वृष्टी’ की तरह होता है. </p>
<p>सादर शुभेच्छाएँ </p>
<p></p> आदरणीय सौरभ जी प्रत्युत्तर के…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6951232015-09-04T13:12:18.724ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय सौरभ जी प्रत्युत्तर के लिए धन्यवाद - ऐसी महान हस्तियों के बारे में दिए गए मार्गदर्शन पर शंका करने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता । ये तो मात्र किसी ने पूर्व में सृष्टि शब्द को ४ मात्रिक बता दिया था जबकि मैं उसे ३ मात्रिक ही बता रहा था सो अपनी शंका समाधान के लिए प्रश्न पूछ लिया। अब मैं आश्वस्त हो गया हूँ कि मेरी सोच सही थी। बाकी आपका कथन सही है कि मैं उर्दू हिज्जों के बारे में बात नहीं कर रहा। आपके मार्गदर्शन एवं शक निवारण का हार्दिक आभार। असुविधा के लिए क्षमा। <span>सादर</span></p>
<p>आदरणीय सौरभ जी प्रत्युत्तर के लिए धन्यवाद - ऐसी महान हस्तियों के बारे में दिए गए मार्गदर्शन पर शंका करने के बारे में मैं सोच भी नहीं सकता । ये तो मात्र किसी ने पूर्व में सृष्टि शब्द को ४ मात्रिक बता दिया था जबकि मैं उसे ३ मात्रिक ही बता रहा था सो अपनी शंका समाधान के लिए प्रश्न पूछ लिया। अब मैं आश्वस्त हो गया हूँ कि मेरी सोच सही थी। बाकी आपका कथन सही है कि मैं उर्दू हिज्जों के बारे में बात नहीं कर रहा। आपके मार्गदर्शन एवं शक निवारण का हार्दिक आभार। असुविधा के लिए क्षमा। <span>सादर</span></p> आदरणीय सुशील सरनाजी, आपका प्र…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6949292015-09-04T11:17:26.393ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, आपका प्रश्न मुझे समझ में नहीं आया. कारण कि या तो आप आदरणीय आचार्यसलिल जी के कहे पर शंका कर रहे हैं या आप शब्द-शब्द मात्राओं को याद कर रहे हैं. दोनों बातें उचित नहीं है. आचार्यजी ने जो बयाया है वह अक्ष्रशः सही. टंकण त्रुटि कोई हो तो उसे नकार दीजियेगा. दूसरे, किसी शब्द की मात्रा की गणना कैसे करते हैं यदि यह स्पष्ट हो जाये तो फिर सममात्रिक शब्दों की मात्रा पूछने की आवश्यकता नहीं बनती.</p>
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<p>वृष्टि और सृष्टि ही नहीं दृष्टि या तृप्ति या मुक्ति आदि-आदि शब्दों की…</p>
<p>आदरणीय सुशील सरनाजी, आपका प्रश्न मुझे समझ में नहीं आया. कारण कि या तो आप आदरणीय आचार्यसलिल जी के कहे पर शंका कर रहे हैं या आप शब्द-शब्द मात्राओं को याद कर रहे हैं. दोनों बातें उचित नहीं है. आचार्यजी ने जो बयाया है वह अक्ष्रशः सही. टंकण त्रुटि कोई हो तो उसे नकार दीजियेगा. दूसरे, किसी शब्द की मात्रा की गणना कैसे करते हैं यदि यह स्पष्ट हो जाये तो फिर सममात्रिक शब्दों की मात्रा पूछने की आवश्यकता नहीं बनती.</p>
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<p>वृष्टि और सृष्टि ही नहीं दृष्टि या तृप्ति या मुक्ति आदि-आदि शब्दों की मात्रा समान होगी. </p>
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<p>विश्वास है आप उर्दू हिज्जे के अनुसार शब्दों का वज़न नहीं पूछ रहे हैं </p>
<p>सादर</p>
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<p></p> आदरणीय सौरभ जी आचार्य सलिल जी…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6951162015-09-04T10:42:27.741ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय सौरभ जी आचार्य सलिल जी द्वारा वृष्टि संयुक्ताक्षर की मात्र २+१=३ की है तो क्या इसी प्रकार सृष्टि की मात्र गणना २+१ =३ ही होगी या ४ ? कृपया शंका समाधान कर अनुग्रहित करें। धन्यवाद। </p>
<p>आदरणीय सौरभ जी आचार्य सलिल जी द्वारा वृष्टि संयुक्ताक्षर की मात्र २+१=३ की है तो क्या इसी प्रकार सृष्टि की मात्र गणना २+१ =३ ही होगी या ४ ? कृपया शंका समाधान कर अनुग्रहित करें। धन्यवाद। </p> यहाँ संयुक्त अक्षरों की मात्र…tag:www.openbooksonline.com,2015-09-04:5170231:Comment:6951092015-09-04T08:07:16.487Zkanta royhttp://www.openbooksonline.com/profile/kantaroy
<p>यहाँ संयुक्त अक्षरों की मात्रा गणना:सम्बन्धी लेख को पढ़ने के बाद, जो भी पूर्व प्रश्न मेरे मन में उदित हो रहे थे पिछले कई हफ़्तों से ,उनका आज इतने सहजता से निस्तार हो जायेगा ये मैंने सोचा ही नहीं था। बहुत बहुत आभार आप सभी को इस लेख के साथ इतने विस्तारपूर्ण सकारात्मक चर्चा रूपी प्रतिक्रियाओं को यहां अंकित करने के लिए। मंच पर की गयी चर्चा भविष्य में बहुत लोगों के शंकाओं के निवारण का कारन बनती है। सादर नमन मंच को</p>
<p>यहाँ संयुक्त अक्षरों की मात्रा गणना:सम्बन्धी लेख को पढ़ने के बाद, जो भी पूर्व प्रश्न मेरे मन में उदित हो रहे थे पिछले कई हफ़्तों से ,उनका आज इतने सहजता से निस्तार हो जायेगा ये मैंने सोचा ही नहीं था। बहुत बहुत आभार आप सभी को इस लेख के साथ इतने विस्तारपूर्ण सकारात्मक चर्चा रूपी प्रतिक्रियाओं को यहां अंकित करने के लिए। मंच पर की गयी चर्चा भविष्य में बहुत लोगों के शंकाओं के निवारण का कारन बनती है। सादर नमन मंच को</p>