अनुष्टुप छंद - Open Books Online2024-03-28T16:53:05Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:184495?groupUrl=chhand&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no"गुरु पंचश्लोकी"
सद्गुरु-महि…tag:www.openbooksonline.com,2016-10-08:5170231:Comment:8065472016-10-08T09:07:11.612Zबासुदेव अग्रवाल 'नमन'http://www.openbooksonline.com/profile/Basudeo
"गुरु पंचश्लोकी"<br />
<br />
सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे।<br />
वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।।<br />
<br />
गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते।<br />
पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।।<br />
<br />
गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना।<br />
ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।।<br />
<br />
गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न टालना।<br />
गुरु-विश्वास का खोना, जग-सन्ताप पालना।।<br />
<br />
गुरु की गरिमा भारी, आशीर्वाद प्रताड़ना।<br />
हरती विपदा सारी, मीठी मधुर ताड़ना।।<br />
<br />
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'<br />
तिनसुकिया<br />
22-07-2016
"गुरु पंचश्लोकी"<br />
<br />
सद्गुरु-महिमा न्यारी, जग का भेद खोल दे।<br />
वाणी है इतनी प्यारी, कानों में रस घोल दे।।<br />
<br />
गुरु से प्राप्त की शिक्षा, संशय दूर भागते।<br />
पाये जो गुरु से दीक्षा, उसके भाग्य जागते।।<br />
<br />
गुरु-चरण को धोके, करो रोज उपासना।<br />
ध्यान में उनके खोकेेे, त्यागो समस्त वासना।।<br />
<br />
गुरु-द्रोही नहीं होना, गुरु आज्ञा न टालना।<br />
गुरु-विश्वास का खोना, जग-सन्ताप पालना।।<br />
<br />
गुरु की गरिमा भारी, आशीर्वाद प्रताड़ना।<br />
हरती विपदा सारी, मीठी मधुर ताड़ना।।<br />
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बासुदेव अग्रवाल 'नमन'<br />
तिनसुकिया<br />
22-07-2016 इस भगीरथ प्रयास हेतु आपको हार…tag:www.openbooksonline.com,2013-10-26:5170231:Comment:4611802013-10-26T15:37:20.249ZCHANDRA SHEKHAR PANDEYhttp://www.openbooksonline.com/profile/CHANDRASHEKHARPANDEY
<p>इस भगीरथ प्रयास हेतु आपको हार्दिक आभार व कोटिश: बधाई माननीय सौरभ सर। </p>
<p>इस भगीरथ प्रयास हेतु आपको हार्दिक आभार व कोटिश: बधाई माननीय सौरभ सर। </p> आदरणीय सौरभ बड़े भईया अनुष्टु…tag:www.openbooksonline.com,2012-02-26:5170231:Comment:1927722012-02-26T03:20:49.971ZSanjay Mishra 'Habib'http://www.openbooksonline.com/profile/SanjayMishraHabib
<p>आदरणीय सौरभ बड़े भईया अनुष्टुप छंद के सम्बन्ध में जानने के पश्चात अभी श्री मदभगवत गीता के श्लोक पढ़ने में अलग ही आनंद आ रहा है.... इस मनोहारी छंद के सम्बन्ध में सुन्दर/सहज/तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करा कर विस्तार से समझाने के लिए सादर आभार....</p>
<p>जय ओ बी ओ</p>
<p>आदरणीय सौरभ बड़े भईया अनुष्टुप छंद के सम्बन्ध में जानने के पश्चात अभी श्री मदभगवत गीता के श्लोक पढ़ने में अलग ही आनंद आ रहा है.... इस मनोहारी छंद के सम्बन्ध में सुन्दर/सहज/तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करा कर विस्तार से समझाने के लिए सादर आभार....</p>
<p>जय ओ बी ओ</p>