"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 46 - Open Books Online2024-03-29T07:58:19Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/46-1?commentId=5170231%3AComment%3A565483&feed=yes&xn_auth=noओबीओ लाइव महा उत्सव अंक - 46…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5662202014-08-09T18:27:31.811ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक - 46 के सफल आयोजन के लिए सभी रचनाकारों तथा सुधीजनों के प्रति सादर आभार.. .<br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p>
<p>ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक - 46 के सफल आयोजन के लिए सभी रचनाकारों तथा सुधीजनों के प्रति सादर आभार.. .<br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p> आदरणीया सीखना एक चीज है और प्…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5661792014-08-09T18:16:32.169ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया सीखना एक चीज है और प्रतिभागिता एक चीज.<br/>प्रतिभागिता से ही सीखा जा सकता है. अतः ऐसा फिर मत कहियेगा. हमारे मंच पर किसी रचनाकार की गरिमा उसके नाम से नहीं बल्कि उसकी प्रस्तुत हुई रचनाओं से आँकी जाती है. <br/>विश्वास है, आप समझ गयी होंगीं. <br/>सादर<br/><br/></p>
<p>आदरणीया सीखना एक चीज है और प्रतिभागिता एक चीज.<br/>प्रतिभागिता से ही सीखा जा सकता है. अतः ऐसा फिर मत कहियेगा. हमारे मंच पर किसी रचनाकार की गरिमा उसके नाम से नहीं बल्कि उसकी प्रस्तुत हुई रचनाओं से आँकी जाती है. <br/>विश्वास है, आप समझ गयी होंगीं. <br/>सादर<br/><br/></p> बहुत सुन्दर प्रस्तुति सविता ज…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5664112014-08-09T18:02:02.254Zseema agrawalhttp://www.openbooksonline.com/profile/seemaagrawal8
<p>बहुत सुन्दर प्रस्तुति सविता जी ..हार्दिक बधाई </p>
<p></p>
<p><span>चंद संकल्प</span><br/><span>खुद ठानों तो सही </span><br/><span>दुस्तर नहीं|</span></p>
<p></p>
<p>राजेश जी ने जिस पंक्ति को इंगित किया है बस उसे देख लीजिये </p>
<p>बहुत सुन्दर प्रस्तुति सविता जी ..हार्दिक बधाई </p>
<p></p>
<p><span>चंद संकल्प</span><br/><span>खुद ठानों तो सही </span><br/><span>दुस्तर नहीं|</span></p>
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<p>राजेश जी ने जिस पंक्ति को इंगित किया है बस उसे देख लीजिये </p> कर्तव्य को पूरा करने का अद्भु…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5664102014-08-09T17:58:48.499Zseema agrawalhttp://www.openbooksonline.com/profile/seemaagrawal8
<p>कर्तव्य को पूरा करने का अद्भुत संकल्प ..............</p>
<p></p>
<p>हो रहे साक्षी घड़ी नक्षत्र फल,</p>
<p>संस्कारित वेदना का बोध</p>
<p>उत्साहित !</p>
<p>रचाने मेँ लगा है कल्पतरु उल्लास</p>
<p>दृढ़ !</p>
<p>धर्म रथ आदर्श पथ पर अनुगमित है !</p>
<p>लक्ष्य का संधान कर.........</p>
<p>कर्तव्य जगता जा रहा है !..........</p>
<p>कर्तव्य को पूरा करने का अद्भुत संकल्प ..............</p>
<p></p>
<p>हो रहे साक्षी घड़ी नक्षत्र फल,</p>
<p>संस्कारित वेदना का बोध</p>
<p>उत्साहित !</p>
<p>रचाने मेँ लगा है कल्पतरु उल्लास</p>
<p>दृढ़ !</p>
<p>धर्म रथ आदर्श पथ पर अनुगमित है !</p>
<p>लक्ष्य का संधान कर.........</p>
<p>कर्तव्य जगता जा रहा है !..........</p> बहुत उन्नत प्रयास लक्ष्मण जी…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5663122014-08-09T17:54:12.399Zseema agrawalhttp://www.openbooksonline.com/profile/seemaagrawal8
<p>बहुत उन्नत प्रयास लक्ष्मण जी आपकी रचनाओं में दिखने वाले प्रयास मन को प्रसन्नता देते हैं</p>
<p></p>
<p>धर्मों में भी मच रही कैसी खूब धमाल</p>
<p>संकल्पों के नाम पर लूट रहे है माल</p>
<p>बहुत उन्नत प्रयास लक्ष्मण जी आपकी रचनाओं में दिखने वाले प्रयास मन को प्रसन्नता देते हैं</p>
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<p>धर्मों में भी मच रही कैसी खूब धमाल</p>
<p>संकल्पों के नाम पर लूट रहे है माल</p> सहभागी होना ही बस मकसद था ...…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5663112014-08-09T17:50:36.202Zsavitamishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>सहभागी होना ही बस मकसद था ....हमें लग रहा था आप सब साहित्यकारों के बीच हमें नहीं लिखना चाहिए पर जब पढ़ रहे थे तो मनन को रोक ना पाए लिख ही दिए ...........शुक्रिया दिल से ..सादर नमस्ते</p>
<p>सहभागी होना ही बस मकसद था ....हमें लग रहा था आप सब साहित्यकारों के बीच हमें नहीं लिखना चाहिए पर जब पढ़ रहे थे तो मनन को रोक ना पाए लिख ही दिए ...........शुक्रिया दिल से ..सादर नमस्ते</p> आभार तहेदिल से आपकाtag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5664092014-08-09T17:48:54.668Zsavitamishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>आभार तहेदिल से आपका</p>
<p>आभार तहेदिल से आपका</p> राजेश दी जल्दी में पोस्ट हो ग…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5662192014-08-09T17:48:32.852Zsavitamishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>राजेश दी जल्दी में पोस्ट हो गयी ..कोई दूसरा शब्द खोज रहे थे पर फिर ध्यान ना रहा और पोस्ट कर दिए .......नमस्ते दी ...बहुत बहुत आभार</p>
<p></p>
<p>राजेश दी जल्दी में पोस्ट हो गयी ..कोई दूसरा शब्द खोज रहे थे पर फिर ध्यान ना रहा और पोस्ट कर दिए .......नमस्ते दी ...बहुत बहुत आभार</p>
<p></p> आदरणीय भैया शुक्रिया आपका ....tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5663102014-08-09T17:47:19.473Zsavitamishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/savitamisra
<p>आदरणीय भैया शुक्रिया आपका ....</p>
<p>आदरणीय भैया शुक्रिया आपका ....</p> तुम्हारे विंड चाइम की मधुर घं…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-09:5170231:Comment:5662182014-08-09T17:43:40.824Zseema agrawalhttp://www.openbooksonline.com/profile/seemaagrawal8
<p>तुम्हारे <span>विंड चाइम की मधुर घंटियों जैसे स्नेह भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया प्राची ..खुश रहो </span></p>
<p>तुम्हारे <span>विंड चाइम की मधुर घंटियों जैसे स्नेह भरे शब्दों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया प्राची ..खुश रहो </span></p>