साहित्य-संध्या ओबीओ लखनऊ-चैप्टर माह दिसंबर 2020–एक प्रतिवेदन :: डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव - Open Books Online2024-03-29T01:38:50Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/2020-17?commentId=5170231%3AComment%3A1041381&feed=yes&xn_auth=noआदरणीय गोपाल दादा, आपका हर प्…tag:www.openbooksonline.com,2021-01-13:5170231:Comment:10421542021-01-13T09:54:27.808ZAlok Rawathttp://www.openbooksonline.com/profile/AlokRawat
<p>आदरणीय गोपाल दादा, आपका हर प्रतिवेदन अपने आप में अद्वितीय होता है | वास्तव में हर कवि की रचना को पढ़कर, उसकी गहराई में उतरकर उसे अपनी सार्थक अभिव्यक्ति प्रदान करना अद्भुत है | मैंने कई अन्य लोगों के प्रतिवेदन भी पढ़े हैं लेकिन यह निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि किसी ने भी रचनाओं की समीक्षा करने का कष्ट नहीं किया और सत्य तो ये है कि ये सबके बस की बात भी नहीं है | कविता को पहले तो पढ़ना, फिर उसकी मूल भावना को आत्मसात करना और फिर समीक्षा करना .... इतना कष्ट भला कौन उठाता है ... और किसमें भला इतना…</p>
<p>आदरणीय गोपाल दादा, आपका हर प्रतिवेदन अपने आप में अद्वितीय होता है | वास्तव में हर कवि की रचना को पढ़कर, उसकी गहराई में उतरकर उसे अपनी सार्थक अभिव्यक्ति प्रदान करना अद्भुत है | मैंने कई अन्य लोगों के प्रतिवेदन भी पढ़े हैं लेकिन यह निश्चित रूप से कह सकता हूँ कि किसी ने भी रचनाओं की समीक्षा करने का कष्ट नहीं किया और सत्य तो ये है कि ये सबके बस की बात भी नहीं है | कविता को पहले तो पढ़ना, फिर उसकी मूल भावना को आत्मसात करना और फिर समीक्षा करना .... इतना कष्ट भला कौन उठाता है ... और किसमें भला इतना सामर्थ्य है | आपको पुनः इस सार्थक और सारगर्भित प्रतिवेदन हेतु ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं | मैं स्वयं को भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूँ कि आपका स्नेह और आशीर्वाद मुझे निरंतर प्राप्त हो रहा है |</p> आ. भाई गोपाल नारायण जी, सादर…tag:www.openbooksonline.com,2021-01-07:5170231:Comment:10413812021-01-07T06:08:13.029Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई गोपाल नारायण जी, सादर अभिवादन । आपका यह प्रतिवेदन पढ़ गोष्ठी में उपस्थिति सी महसूस हुई । कामयाब गोष्ठी व आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई गोपाल नारायण जी, सादर अभिवादन । आपका यह प्रतिवेदन पढ़ गोष्ठी में उपस्थिति सी महसूस हुई । कामयाब गोष्ठी व आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई ।</p>