"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-131 - Open Books Online2024-03-29T11:24:41Zhttp://www.openbooksonline.com/forum/topics/131?commentId=5170231%3AComment%3A1060594&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:"अंक-1…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10610582021-05-29T18:28:14.922ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:"अंक-131 को सफल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:"अंक-131 को सफल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> इस्लाह के बाद गज़ल नायाब हो गई…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10610572021-05-29T18:14:01.409Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p>इस्लाह के बाद गज़ल नायाब हो गई विनय जी को बधाई ...</p>
<p>इस्लाह के बाद गज़ल नायाब हो गई विनय जी को बधाई ...</p> उनका गुनाह तो किसी क़ातिल से क…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10611142021-05-29T18:08:20.897Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p><span>उनका गुनाह तो किसी क़ातिल से कम नहीं ।</span><br/><span>जिनको हमारी जान के जाने का ग़म नहीं ।।</span></p>
<p>उम्दा मतला आदरणीय नवीन जी बधाई स्वीकारें </p>
<p><span>उनका गुनाह तो किसी क़ातिल से कम नहीं ।</span><br/><span>जिनको हमारी जान के जाने का ग़म नहीं ।।</span></p>
<p>उम्दा मतला आदरणीय नवीन जी बधाई स्वीकारें </p> सालिक' ज़ियादा की तो ज़रूरत नही…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10610562021-05-29T18:05:38.297Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p><span>सालिक' ज़ियादा की तो ज़रूरत नहीं मुझे</span><br/><span>जितना भी दे दिया है ख़ुदा ने वो कम नहीं </span></p>
<p>आदरणीय सालिक जी बहुत ख़ूब...</p>
<p><span>सालिक' ज़ियादा की तो ज़रूरत नहीं मुझे</span><br/><span>जितना भी दे दिया है ख़ुदा ने वो कम नहीं </span></p>
<p>आदरणीय सालिक जी बहुत ख़ूब...</p> आदरणीय नीलेश जी वाह भाई वाह tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10611132021-05-29T18:03:12.375Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p>आदरणीय नीलेश जी वाह भाई वाह </p>
<p>आदरणीय नीलेश जी वाह भाई वाह </p> अददरणीय अनिल जी बहुत खूब ..उम…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10608982021-05-29T18:01:38.658Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p>अददरणीय अनिल जी बहुत खूब ..उम्दा गज़ल की बधाई ..</p>
<p>अददरणीय अनिल जी बहुत खूब ..उम्दा गज़ल की बधाई ..</p> जनाब तस्दीक साहब बहुत उम्दा ग…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10611122021-05-29T17:55:20.911Zनादिर ख़ानhttp://www.openbooksonline.com/profile/Nadir
<p>जनाब तस्दीक साहब बहुत उम्दा गज़ल कही आपने मुबारकबाद </p>
<p>जनाब तस्दीक साहब बहुत उम्दा गज़ल कही आपने मुबारकबाद </p> सादर प्रणाम आ रचना जी
उम्दा ग…tag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10610552021-05-29T17:30:43.176ZAazi Tamaamhttp://www.openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>सादर प्रणाम आ रचना जी</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है</p>
<p>बाकी गुणीजनों की इस्लाह सर आँखों पर</p>
<p>सादर</p>
<p>सादर प्रणाम आ रचना जी</p>
<p>उम्दा ग़ज़ल हुई है</p>
<p>बाकी गुणीजनों की इस्लाह सर आँखों पर</p>
<p>सादर</p> शुक्रिया आ रचना जी
सादर प्रणामtag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10611112021-05-29T17:24:00.266ZAazi Tamaamhttp://www.openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>शुक्रिया आ रचना जी</p>
<p>सादर प्रणाम</p>
<p>शुक्रिया आ रचना जी</p>
<p>सादर प्रणाम</p> अमूल्य टिप्पणी के लिये धन्यवादtag:www.openbooksonline.com,2021-05-29:5170231:Comment:10608952021-05-29T17:22:54.258ZAazi Tamaamhttp://www.openbooksonline.com/profile/AaziTamaa
<p>अमूल्य टिप्पणी के लिये धन्यवाद</p>
<p>अमूल्य टिप्पणी के लिये धन्यवाद</p>